Awareness Program on Sugarcane Based Crop Diversification : फसल विविधीकरण अपनाने से खेत में आने वाले कीड़े व बीमारियों में कमी आती है : डॉ. गर्ग

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Awareness Program on Sugarcane Based Crop Diversification

Aaj Samaj (आज समाज), Awareness Program on Sugarcane Based Crop Diversification, पानीपत : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र ऊझा में गन्ना आधारित फसल विविधीकरण एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पानीपत जिले के 80 किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रेरित कर उन्हें आर्थिक तौर से सशक्त बनाना था तथा गन्ने की फसल के क्षेत्रफल व उत्पादन में वृद्धि करना व मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने के उपायों पर जागरूकता करना था। इसके अतिरिक्त इसका उद्देश्य गन्ने की वैज्ञानिक खेती पर चर्चा करना था। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ राजबीर गर्ग ने बताया कि फसल विविधीकरण अपनाने से खेत में आने वाले कीड़े व बीमारियों में कमी आती है, व साथ ही किसानों की वार्षिक आय में भी बढ़ोतरी होती है। उन्होंने यह भी बताया कि अक्तूबर महीने में गन्ने की बीजाई में सहफसलीकरण को अपनाएं।

 

 

Awareness Program on Sugarcane Based Crop Diversification

गन्ने की उच्च गुणवत्ता वाली व रोग रोधी किस्म का चयन करके बिजाई करें

उन्होंने यह भी बताया कि गन्ने को फसल चक्र में शामिल करने से भूमि की उपजाऊ क्षमता में भी वृद्धि होती है। गन्ने की उच्च गुणवत्ता वाली व रोग रोधी किस्म का चयन करके बिजाई करें व फसल में आने वाले खरपतवार, कीट व बीमारियों के लिए समय से पहले ही जागरूक रहे। धान के अवशेषों की तरह गन्ने के अवशेषों का प्रबंध भी बहुत जरूरी है, जिससे पर्यावरण को शुद्ध रखने में मदद मिलती है। इस अवसर पर हरकोफेड की तरफ से श्री जगदीप सांगवान, सहायक सहकारी शिक्षा अधिकारी ने हरकोफेड की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह संस्था क.वि.के. के साथ मिलकर अलग-अलग थीम पर विचार गोष्ठी करती रहती है, ताकि किसानों को जागरूक किया जा सके। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह सहकारिता के सिद्धांतों को समझे वह अपनाए तथा किसान वर्ग को मजबूत किया जा सके।

 

शुगर मिल पानीपत की पिराई क्षमता 50000 क्विंटल प्रतिदिन

इस मौके पर शुगर मिल पानीपत से कर्मवीर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि शुगर मिल पानीपत की पिराई क्षमता 50000 क्विंटल प्रतिदिन है। तथा उन्होंने किसान भाइयों से अनुरोध किया की फसल चक्र में गन्ने की फसल को अपनाएं तथा शुगर मिल के कार्य को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें। उन्होंने यह बताया कि वर्ष 2023- 24 में मिल प्रबंधन ने लगभग 66 लाख क्विंटल गन्ना पिराई का लक्ष्य रखा है तथा इस सीजन में पिराई के लिए गन्ने का 26118 एकड़ रकबा तैयार है। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर सतपाल सिंह जी ने बताया कि किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर अपनी फसलों का पंजीकरण अवश्य करवाएं, ताकि उन्हें अपनी फसल बेचने में कोई समस्या ना आए व समय पर फसलों की विपणन हो सके। इस अवसर पर गुलाब, वजीर, राजेंद्र रावल, रघुवीर सिंह व सतपाल ने भी अपने विचार रखें।

 

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