- समारोह का शुभारंभ दैनिक हवन यज्ञ से प्रांरभ हुआ
Aaj Samaj (आज समाज),Maharishi Dayanand Bal Gurukul Bhawan Panipat, पानीपत : आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के नवनिर्मित भवन महर्षि दयानंद बाल गुरुकुल भवन का नए सत्र का उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की प्रबंधक समिति के प्रधान विरेन्द्र आर्य रहे तथा विशिष्ट अतिथि विद्यालय की प्रबन्धक समिति के प्रबन्धक रामपाल जागलान, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जागलान रहे। समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य मनीष घनगस ने की। समारोह का शुभारंभ दैनिक हवन यज्ञ से प्रांरभ हुआ। इस अवसर पर विद्यालय की कार्यकारिणी के उप प्रधान डा. देवी सिंह, राकेश पूनिया, राजेश घनगस, डा. सुरेन्द्र आर्य, मेहर सिंह आर्य, राममेहर आर्य, सुमित्रा अहलावत, विजय सिंह शामिल रहे।
छात्रों को शिक्षा के साथ संस्कार देने का कार्य भी सर्वोपरि रहेगा
समारोह के मुख्य अतिथि विरेन्द्र आर्य ने बताया कि आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के इस नवनिर्मित भवन में छात्रों को शिक्षा के साथ संस्कार देने का कार्य भी सर्वोपरि रहेगा। उन्होने बताया कि विद्यालय में सी बी एस ई शिक्षा के साथ साथ, संस्कार व हमें अपने माता पिता, गुरुजनों तथा छोटे व बड़ों के साथ किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए। इन सभी की शिक्षा देना विद्यालय का एकमात्र लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि यह बाल गुरुकुल भवन पानीपत का एकमात्र ऐसा विद्यालय हैं जहां पर बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ साथ, स्मार्ट क्लास, प्रोजेक्टर, खेल कूद, झूले, वातानुकूलित कक्षाएं इत्यादि सभी आधुनिक सुविधाएं भी दी जाएगीं। उन्होंने पानीपत वासियों से विद्यालय में प्रवेश लेने के लिए भी प्रेरित किया।
प्रार्थना सभा से ही शुरू होता है अनुशासन का पहला पाठ
प्रबंधक रामपाल जागलान ने कहा कि विद्यालय के दैनिक जीवन में अनुशासन का पहला पाठ प्रार्थना सभा से ही शुरू होता है। तन साधकर पंक्ति में खड़े होना, सभा आयोजक के निर्देशों का पालन इसके आरंभिक चरण हैं। इस दौरान गाये जाने वाले राष्ट्रगीत व राष्ट्रगान देशभक्तिपूर्ण नारे विद्यार्थियों में मातृभूमि के प्रति प्यार, लगाव तथा समर्पण का जज्बा पैदा करते हैं। दुबले से दुबला विद्यार्थी भी बुलंद आवाज में जब नारे लगाता है तो भारत माता का सीना अवश्य ही गर्व से फूल उठता होगा। कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जागलान ने कहा कि शिक्षक एक छात्र को अपने चरित्र को आकार देने और अपने भविष्य के उज्ज्वल बनाने में मदद करते हैं। वे हमें इस दुनिया में मजबूती से खड़े रहकर मुकाबला करने योग्य बनाने में सक्षम बनाते हैं ताकि हम समझदारी से हमारे रास्ते में आने वाली कई चुनौतियों से निपटने में सफल हो सकें।
रोजगार के लिए शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण
प्राचार्य मनीष घनगस ने कहा कि शिक्षा पढ़ने और लिखने की क्षमता सिखाती है। पढ़ना-लिखना शिक्षा की पहली सीढ़ी है। अधिकांश जानकारी लिखित रूप में होती है, यदि आप में शिक्षा का अभाव है या लेखन कौशल की कमी है, तो आप समाज से दूर हैं, समाज में होने वाली गतिविधियों से दूर हैं। नतीजतन, शिक्षा लोगों को साक्षर बनाती है। सबसे बढ़कर रोजगार के लिए शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह निश्चित रूप से एक सभ्य जीवन जीने का एक शानदार अवसर है। जब नौकरी की बात आती है तो अशिक्षित लोगों को शायद भारी नुकसान होता है। बेहतर संचार शिक्षा का एक और महत्व है। शिक्षा व्यक्ति की वाणी को सुधारती और परिष्कृत करती है। इसके अलावा व्यक्ति शिक्षा के साथ संचार के अन्य साधनों में भी सुधार करते हैं। शिक्षा व्यक्ति को प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोगकर्ता बनाती है। शिक्षा निश्चित रूप से प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल प्रदान करती है, इसलिए शिक्षा के बिना आधुनिक मशीनों को संभालना शायद मुश्किल होगा। इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ मौजूद रहा ।