Oral Health: अक्सर हम मानते हैं कि दाँतों की सफाई ही मुख स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। दाँतों के साथ-साथ जीभ की सफाई भी बेहद जरूरी है। अगर आप दिन में दो बार ब्रश करते हैं लेकिन जीभ की सफाई नहीं करते, तो आपकी ओरल हाइजीन अधूरी रह जाती है। एक गंदी जीभ सिर्फ आपके मुख स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों को भी जन्म दे सकती है।
गंदी जीभ के लक्षण
अगर जीभ गंदी है, तो इसे देखने मात्र से पहचाना जा सकता है। जैसे:
मुख में छाले होना और जीभ का सफेद या काला दिखना।
जीभ बहुत नरम होना, जो पोषण की कमी का संकेत है।
जीभ पर दरारें और गंदगी का जमा होना, जो गंदी जीभ का संकेत है।
गंदी जीभ से होने वाली बीमारियाँ
गंदी जीभ और उससे उत्पन्न गंदगी आपस में जुड़े होते हैं। इसलिए इन बीमारियों का प्रभाव जीभ पर दिखाई देता है:
पाचन खराब होने पर जीभ काली या सफेद दिखती है।
गंदी जीभ से बदबू भी आ सकती है।
किडनी फेल्योर के समय भी जीभ गंदी हो जाती है।
अनियंत्रित डायबिटीज होने पर भी जीभ गंदी दिखती है।
जीभ की सफाई के लिए तरीका:
जिभी का उपयोग करें: रोजाना जीभ की सफाई के लिए सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है जिभी का उपयोग। बाजार में प्लास्टिक से लेकर स्टील की जिभी उपलब्ध है, लेकिन अगर आप तांबे की जिभी का उपयोग करते हैं, तो जीभ गहराई से साफ होती है और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
हल्दी और नींबू से सफाई: हल्दी पाउडर और नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे दस मिनट के लिए जीभ पर लगाएं। फिर इसे साफ करें। इससे जीभ पर जमा गंदगी साफ हो जाती है।
फिटकरी और नमक से सफाई: फिटकरी और नमक को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे उँगलियों की मदद से हल्के से रगड़ें और तुरंत कुल्ला करें। इससे मुख और जीभ की गंदगी तुरंत साफ हो जाती है।
जीभ की सफाई कितनी बार करनी चाहिए?
दाँतों की ब्रशिंग के बाद जीभ की सफाई कम से कम दो बार करनी चाहिए। ताकि जीभ पर जमा गंदगी की परत पूरी तरह से हट जाए। यह काम सुबह और शाम रोजाना करना आपके मुख स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा। इस प्रकार, सिर्फ दाँतों की ब्रशिंग पर निर्भर न रहें, बल्कि जीभ की सफाई को भी अपनी दैनिक मुख सफाई की आदत में शामिल करें। इससे न सिर्फ आपका मुख स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, बल्कि आप कई गंभीर बीमारियों से भी बचे रहेंगे।