कहा, भाजपा सरकार निजी स्कूलों को किसी मनमानी की इजाजत नहीं देगी

Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में इन दिनों राजनीतिक गलियारों में एक ही चर्चा चल रही है। वह है निजी स्कूलों द्वारा बच्चों व उनके अभिभावकों का आर्थिक शोषण करते हुए फीस में वृद्धि किए जाना। एक तरफ जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली सरकार पर इस विषय को लेकर तंज कस रहे हैं वहीं दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि राजधानी दिल्ली में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। पिछली सरकारों ने प्राइवेट स्कूलों को खुली छूट दी। आम आदमी पार्टी केवल आरोप लगाकर भगाने का काम करती है। डीपीएस आरके पुरम के बारे में अरविंद केजरीवाल जो आज बयान दे रहे हैं। उस स्कूल के 100 पेज कटिंग के मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किए हैं।

कोई भी आरोप तथ्यों के आधार पर लगाएं

आगे कहा कि कल डीपीएस द्वारका के संदर्भ में कोर्ट के द्वारा पास आॅर्डर किया गया। आप सभी के सामने पेश कर रहा हूं। लड़ाई तथ्यों के आधार पर इस तरह से लड़ी जाती है। दिल्ली में शिक्षा इतिहास में पहली बार डीएम की पॉवर का इस्तेमाल करते हुए स्कूल में कमेटी भेजी।

600 से ज्यादा स्कूलों का किया गया ऑडिट

दिल्ली में फीस बढ़ोतरी को लेकर अब तक 600 से ज्यादा निजी स्कूलों का ऑडिट किया जा चुका है। बिना मंजूरी के मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर स्कूल की मान्यता वापस लेने और स्कूल प्रबंधन को अपने नियंत्रण लेने के संबंध में दस से ज्यादा स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। शिक्षा निदेशालय की स्कूलों के ऑडिट को लेकर यह कार्रवाई जारी रहेगी।

निदेशालय के अनुसार 16 अप्रैल 2025 तक दिल्ली भर में 600 से अधिक निजी स्कूलों का निरीक्षण किया गया। शेष स्कूलों का निरीक्षण भी जल्द पूरा होगा। निदेशालय ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के मामले में मुनाफाखोरी और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने वाले स्कूलों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। इसमें मामले के आधार पर स्कूल की मान्यता वापस लेने और स्कूल प्रबंधन को अपने नियंत्रण में लेने की कार्रवाई शामिल है।

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