Haryana Assembly Election: हिसार में टिकट से पहले भाजपा कैंडिडेट का विरोध

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हिसार में टिकट से पहले भाजपा कैंडिडेट का विरोध
हिसार में टिकट से पहले भाजपा कैंडिडेट का विरोध

बरवाला सीट से टिकट पर अटकलें, जिला पार्षद महंत दर्शनगिरी ने छोड़ी पार्टी
Hisar News (आज समाज) हिसार: हरियाणा भाजपा आज टिकटों का ऐलान कर सकती है। मगर टिकट जारी करने से पहले ही भाजपा के कैंडिडेट का विरोध शुरू हो चुका है। हिसार की बरवाला विधानसभा में भाजपा के टिकट के लिए हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा का नाम सबसे आगे हैं। टिकट भी तय माना जा रहा है। स्थानीय भाजपाई इसका विरोध कर रहे हैं। रणबीर गंगवा को टिकट देने के विरोध में भाजपा के जिला पार्षद महंत दर्शनगिरी ने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। दर्शनगिरी ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को भेज दिया है। बता दें कि भाजपा पार्षद सहित बरवाला के तमाम नेता रणबीर गंगवा को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं और चाहते हैं कि बरवाला से स्थानीय चेहरा ही मैदान में उतरे। करीब एक सप्ताह पहले एक पत्र स्थानीय नेताओं व कार्यकतार्ओं की ओर भाजपा पदाधिकारियों को लिखा गया था। अब इसी बीच एक आॅडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। बताया जा रहा है कि यह आॅडियो हरियाणा के डिप्टी स्पीकर और भाजपा कार्यकर्ता का है। इस आॅडियो में डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की आवाज से मेल खाता व्यक्ति बोल रहा है और भाजपा पार्षद महंत दर्शनगिरी के बारे में अनापशनाप बोल रहा है। हालांकि महंत दर्शनगिरी का कहना है कि आॅडियो में आवाज रणबीर गंगवा की है। हालांकि डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि यह वायरल आॅडियो उनका नहीं है और ना ही उनकी आवाज है। गंगवा ने यह भी कहा कि पार्टी जहां से आदेश देगी वहीं से चुनाव लड़ूंगा।

आखिरकार डिप्टी स्पीकर को इसलिए बदलनी पड़ रही सीट

कुलदीप बिश्नोई के कारण डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा को अपनी परंपरागत सीट बदलनी पड़ रही है। हालांकि वह नलवा से ही तैयारी कर चुके हैं और यहीं लड़ना भी चाहते हैं। मगर कुलदीप बिश्नोई यहां से अपने दोस्त रणधीर पनिहार को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। नलवा से इससे पहले कुलदीप बिश्नोई की माता जसमा देवी और भाई चंद्रमोहन चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में रणबीर गंगवा को बरवाला से बेहतर विकल्प नजर नहीं आ रहा है। लोकसभा चुनाव में बरवाला में भाजपा को लीड मिली थी। वहीं नलवा में भाजपा कुछ वोटों से पिछड़ गई थी। इस कारण भाजपा के स्थानीय बड़े नेताओं की नजर बरवाला विधानसभा पर टिकी है।