रोहतक: सीखने का मौका भाग्य की बात: डा. रोहताश

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संजीव कुमार, रोहतक:
यह हमारे लिए बहुत ही सौभागय की बात है कि हमें कुछ ऐसा सीखने को मिल रहा है, जिससे हम भविष्य में लाखों बच्चों की जान बचा सकते हैं, इसलिए इस ट्रेनिंग में दिल लगाकर सीखें और हर बात को बारिकी से जानें। इस ज्ञान को खुद तक ना रखकर आगे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है ताकि तीसरी लहर आती है तो हमें उसका मुकाबला करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए। यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति डॉ. रोहताश यादव का। वें बुधवार को पीजीआईएमएस की स्किल लैब में प्रदेश के चिकित्सकों को प्रदान की जा रही ट्रेनिंग का औचक निरीक्षण करने पहुंचें थे।
इस अवसर पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कार्यकारी कुलपति डॉ. रोहताश यादव ने कहा कि ट्रेनिंग के इंचार्ज डॉ. कुंदन मितल बधाई के पात्र हैं जिन्होंने प्रदेश के चिकित्सकों को ट्रेनिंग प्रदान करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें काफी खुशी हो रही है कि इस ट्रेनिंग के दौरान चिकित्सक व स्टाफ काफी उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं। डॉ. कुंदन मित्तल ने कहा कि उनका प्रयास है कि यहां से ट्रेनिंग लेने वाला हर चिकित्सक शिशुओं का इलाज करने में पूरी तरह से निपुण हो। उन्होंने बताया कि आज सभी चिकित्सकों को कृत्रिम अंगों पर केस दिए गए और उनसे उनका इलाज करवाकर देखा गया। डॉ. कुंदन मित्तल ने बताया कि बच्चे से अवश्य पूछें कि उसे अभी क्या-क्या तकलीफ है और कितने दिनों से है तथा क्या वह किसी कोविड मरीज के संपर्क में आया है। बच्चे को कोई पुरानी बीमारी तो नही है, जैसे डायबिटिज, दिल की बीमारी इत्यादि या कोई लंबी दवाई तो नहीं खा रहा है ताकि उसको ध्यान में रखते हुए इलाज शुरू किया जा सके।
पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसन विभाग के एसोसिएट प्रोफैसर डॉ. मंजूनाथ ने चिकित्सकों को विस्तार से वेंटिलेटर चलाना सिखाया। उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर पर मरीज को किस प्रकार रखा जाता है और हमें उस समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि यदि बच्चे में गलूकोस लगाने के लिए नस नहीं मिल रही है तो इंट्रा ओसियस के माध्यम से बच्चे में जल्दी पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। डॉ. मंजूनाथ ने कहा कि यदि बच्चे में थोड़ी देर पानी की कमी रह जाती है तो उससे उसके किडनी, दिमाग व दिल पर भी असर पड़ सकता है। ऐेसे में हमें आॅक्सीजन के साथ-साथ पानी की कमी कभी नहीं होने देनी चाहिए। डॉ. मंजूनाथ ने बताया कि वेंटिलेटर किसी भी व्यक्ति की जान बचाने में बहुत महत्वपूर्ण निभाता है, ऐसे में उसका अच्छे से प्रयोग करना आना चाहिए।