- पढ़ लिखकर व ज्ञान की प्राप्ति करके ही इंसान अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकता है – पुलिस अधीक्षक
Aaj Samaj, (आज समाज),Operation Smile, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़: पुलिस महानिदेशक के निर्देशानुसार चलाए जा रहे “ऑपरेशन स्माइल” के तहत एएचटीयू नारनौल की टीम ने कनीना क्षेत्र में दुकानों पर काम करने वाले 3 बच्चों को रेस्क्यू करने का सराहनीय कार्य किया है। पुलिस प्रवक्ता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्चों की सुरक्षा और उनके उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण के मार्गदर्शन में “ऑपरेशन स्माइल” अभियान जिला महेंद्रगढ़ में भी चलाया जा रहा है। “ऑपरेशन स्माइल” में स्कूल की बजाए कार्य करने या भीख मांगने वाले बच्चों को रेस्क्यू करके उनकी काउंसलिंग की जा रही है तथा उनके माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
एसपी ने कहा कि पुलिस का यह अभियान बहुत ही सराहनीय है, उन्होंने कहा कि बच्चे इस देश का भविष्य है और शिक्षा किसी भी इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है। शिक्षा के माध्यम से इंसान ज्ञान की प्राप्ति करता है और इसके साथ साथ वह नैतिक रूप से भी समृद्ध बनता है, जो अपने साथ-साथ अपने समाज के लिए कार्य करता है। शिक्षा मनुष्य को एक नई रोशनी दिखाती है जिससे वह अपने अधिकारों और सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक होकर इसके लिए कार्य करता है जो अन्य लोगों के लिए भी मददगार साबित होता है।
काउंसलिंग में बच्चों के परिजनों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए किया गया प्रोत्साहित
“ऑपरेशन स्माइल” के तहत एएचटीयू की टीम द्वारा 3 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। बच्चों से पूछताछ करके उनके माता-पिता के बारे में जानकारी प्राप्त की गई और उसके पश्चात बच्चों तथा उनके माता-पिता को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करके उनकी काउंसलिंग की गई। एएचटीयू की टीम द्वारा उनके माता-पिता को समझाया गया कि यह उम्र बच्चों के स्कूल जाने की है। यदि वह अभी से इस प्रकार का कार्य करेंगे तो सारी उम्र उन्हें यही कार्य करते हुए बितानी पड़ेगी। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें शिक्षा दिलाएं।
बच्चों व उनके माता-पिता की काउंसलिंग कर बच्चों को किया गया उनके परिजनों के हवाले
स्टेट क्राइम ब्यूरो की मानव तस्करी विरोधी शाखा की टीम ने बताया कि रेस्क्यू किए गए बच्चों के माता-पिता/अभिभावक को समझाया गया कि बच्चों से कोई कार्य न करवाएं और ना ही भीख मंगवाए, यह कानून विरुद्ध कार्य है। यह आवश्यक है कि उन्हें स्कूल भेजें, ताकि वह पढ़ लिखकर एक अपने सामाजिक स्तर को ऊंचा उठा सके और एक बेहतर जीवन व्यतीत कर सकें। सीडब्ल्यूसी की टीम द्वारा काउंसलिंग कराने के पश्चात बच्चों को उनके माता-पिता के हवाले किया गया।
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