Aaj Samaj (आज समाज), Operation Kaveri 30 April Update, नई दिल्ली: अफ्रीकी देश सूडान में अभी गृहयुद्ध थमा नहीं है और इस संकट में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने का सिलसिला लगातार जारी है। भारत सरकार के निर्देश पर नोसैना व वायु सेना लगातार सूडान से भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए मुहिम छेड़े हुए है। इसके लिए ‘आपरेशन कावेरी’ शुरू किया गया है और देश के 229 नागरिकों का सांतवा जत्था जेद्दा से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गया है। बता दें कि सूडान से पहले भारतीयों को सऊदी अरब के जेद्दाह फिर भारत लाया जा रहा है। सूडान में वहां की सेना और पैरा-मिलिट्री (आरएसपी) के बीच पिछले करीब 15 दिन से भीषण लड़ाई चल रही है।
भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी के लिए हर संभव प्रयास : बागची
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया है कि आॅपरेशन कावेरी के तहत भारत सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षित घर वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सूडान से 7वीं आउटबाउंड में 229 भारतीय नागरिकों को लाया जा रहा है और यह सांतवा जत्था जेद्दा से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गया है। आज ये लोग बेंगलुरु पहुंच जाएंगे। बता दें कि सूडान से भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए नौसेना के जहाज और फ्लाइट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
शनिवार को 596 भारतीयों को स्वदेश लाया गया
आॅपरेशन कावेरी के तहत इससे पहले शनिवार को दो अलग-अलग जत्थों में 596 और भारतीयों को स्वदेश लाया गया था। पहले 231 भारतीयों को लेकर एक विमान नई दिल्ली पहुंचा था। एयरपोर्ट पर फ्लाइट से उतरने के बाद इन लोगों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। उन्होंने आॅपरेशन कावेरी के तहत अपनी निकासी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रशंसा की थी।
टीका न लगा होने के चलते 117 लोग क्वारंटाइन किए गए
सूडान से आए भारतीय लोगों में से 117 को ‘येलो फीवर’ का टीका न लगा होने के चलते क्वारंटाइन किया गया है। इन यात्रियों में अगर बीमारी का कोई लक्षण नहीं उभरा, तो सात दिनों बाद उन्हें छोड़ दिया जाएगा। भारतीयों की निकासी में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भी विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है।
गरुड़ कमांडो ने अदम्य साहसिक कार्य कर बचाए हैं 121 लोग
गरुड़ कमांडो ने दो दिन पहले भीषण लड़ाई के बीच सी-130जे सुपर हर्क्यूलिस विमान की मदद से रात में सूडान की जमीन पर उतरकर अपनी तरह का पहला आपरेशन चलाया गया और घने अंधेरे के बीच वहां से 121 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित जेद्दाह पहुंचाया गया। सूडान के वादी सयीदिना में बना रनवे जर्जर हालत में था। यहां न तो नेविगेशन में मदद करने के लिए कोई मौजूद था, न फ्यूल का प्रबंध था और न ही लाइट लगी थीं, जिनकी मदद से रात में विमान को लैंड कराया जा सके। इसके बावजूद वायुसेना के पायलट इस हवाई पट्टी पर लैंडिंग कराने में सफल रहे।