नई दिल्ली। महाराष्ट्र को अब तक अपनी सरकार नहीं मिल सकी है। सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में रस्साकशी अब तक चल रही है। नौ नंबर को महाराष्ट्र सरकार का आखिरी दिन होगा। इसके बाद अगर सरकार का गठन नहीं हुआ तो वहां राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। बता दें कि भाजपा ने अब तक सरकार बनाने का दावा नहीं पेश किया और शिवसेना को मुख्यमंत्री से कम कुछ मंजूर नहीं है। यहां तक कि शिवसेना की ओर से यह भाजपा को साफ कर दिया गया है कि बिना मुख्यमंत्री पद की बात माने वह उनसे संपर्क न करे। शिवसेना ने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हवाले से कहा कि भाजपा उनसे तभी संपर्क साधे जब मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने के लिए तैयार हो। दोनों ही पार्टियां अपनी बात पर अड़ी हुई हैं। उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को घंटे भर तक चली शिवसेना के नये विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की जिस दौरान विधायकों ने दोहराया कि लोकसभा चुनाव से पहले पदों और जिम्मेदारियों के समान बंटवारे के जिस विचार पर सहमति बनी थी, उसे लागू किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र में सरकार गठन की समय सीमा जैसे-जैसे खत्म होती जा रही है, वैसे ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के संकेतों को बल मिलता दिख रहा है। गौरतलब है कि शिवसेना के संजय राउत ने पहले ही कह दिया है कि अगर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगता है तो इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति शासन राज्य की जनता का अपमान होगा। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। भाजपा को कार्यवाहक सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
अपडेट
महाराष्ट्र के दौरे पर आज केंद्रीय मंत्रभ् नितिन गडकरी और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव हैं। दोनों आज मुख्यमंत्री फडणवीस सहित अन्य भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे। कयास लगाया जा रहा है कि दोनों नेता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं। उधर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र को भाजपा राष्ट्रपति शासन की ओर ढकेल मोदी और शाह जी की जोड़ी के जरिए दिल्ली से महाराष्ट्र की सत्ता की बागडोर चलाना चाहती है। यह महाराष्ट्र का अपमान जनता सहन नहीं करेगी। दिल्ली के तख्त के आगे महाराष्ट्र नहीं झुकता यह इतिहास है। जय महाराष्ट्र।