Online Fraud
प्रवीण वालिया, करनाल:
Online Fraud : वित्तीय साइबर अपराधों पर लगाम कसते हुए विभिन्न ऐप से ढाई लाख रुपये उड़ाने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शिकायतकर्ता भरमेश्वर दास गुप्ता निवासी अर्बन स्टेट करनाल ने साइबर थाना में एक शिकायत दी थी। उसने बताया कि उसकी पत्नी एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका है। उसका सेलरी अकाउंट एसबीआई बैंक की मेन ब्रांच माल रोड में है। शिकायतकर्ता उस खाते में से खुद ही सारा लेन-देन करता है।
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14 फरवरी को पहली बार हुआ शक
14 फरवरी को उक्त खाते का बैलेंस चेक किया तो उसे गड़बड़ी लगी। उसने अपनी पत्नी से पता किया तो उसने बताया कि फिलहाल कोई लेनदेन नहीं किया। शिकायतकर्ता ने जब और बारीकि से जांच तो पता लगा कि खाते में से अलग-अलग एप्लीकेशन जैसे कैशफ्री, फ्लिपकार्ट, अमेजन और पेटीएम जैसी एप के माध्यम से किसी अज्ञात ने उसके खाते से 2.50 लाख रुपये निकाल लिए।
टेलर मटीरियल की दुकान पर करता था काम
मामले में कार्रवाई करते हुये एएसपी इंद्री हिमाद्री कौशिक, आईपीएस के पर्यवेक्षण और साइबर थाना प्रबंधक निरीक्षक रोशन लाल की अध्यक्षता में टीम में एसआई सतपाल, एएसआई रविंदर कुमार, एएसआई कुलबीर, सिपाही सागर व सिपाही रौनक के सहयोग से टीम की ओर से विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर आरोपी अजय कुमार निवासी गांव नेवल करनाल को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से पूछताछ व अन्य विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी शिकायतकर्ता उपरोक्त की करनाल मार्केट में स्थित टेलरिंग मटीरियल की दुकान पर बतौर सेल्समैन का काम करता था।
ऑनलाइन गेम की चपेट में किया अपराध
आरोपी को आनलाइन गेम खेलने की लत लगी थी। ऑनलाइन गेम में आरोपी को कुछ टास्क पूरे करने होते थे और टास्क पूरे करने के लिये ऑनलाईन गेम में ऑनलाइन डायमंड खरीदने के लिये रुपये की जरूरत थी। आरोपी ने उपरोक्त दुकान पर काम करने के दौरान शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन का पासवार्ड, फोनपे और पेटीएम के पासवर्ड देख लिये थे। यह फोन ज्यादातर दुकान पर ही रखा रहता था।
ऑनलाइन गेम में पेमेंट करने के लिय आरोपी ने शिकायतकर्ता के फोनपे और पेटीएम का ही मोबाइल नम्बर सेट कर दिया था। इस कारण ऑनलाइन पेमेंट करने के लिये पेमेंट का मैसेज उक्त मोबाइल पर जाता था और आरोपी पासवर्ड भरकर उस पेमेंट को सक्सेफुल कर देता था व अपने गेम के वॉलेट में रूप्ये लोड कर लेता था।
गेम में खर्च कर देता था रुपये
इन रुपयों का इस्तेमाल आरोपी आनलाइन गेम खेलने के लिये डायमंड आदि खरीदने के लिये खर्च कर देता था। उक्त फोन के पासवर्ड अपने पास होने का फायदा आरोपी ने ऑनलाइन शॉपिंग साईट्स से कुछ सामान खरीदने के लिये भी उठाया था। इस प्रकार आरोपी ने अलग-अलग समय में विभिन्न एप्लीकेशन के माध्यम से कुल 2 लाख 50 हजार की धोखाधडी की थी। पुलिस टीम द्वारा जब शॉपिंग साइट्स से सामान डिलीवरी का रिकार्ड मांगा तो डिलीवरी एड्रैस आरोपी अजय उपरोक्त के घर का पाया। इस बारे में आरोपी से गहनता से व सख्ती से पूछताछ की गई तो आनलाइन धोखाधडी की सारी बात का खुलासा हुआ।
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