प्रवीण वालिया, करनाल :
Online Financial Fraud Complain Helpline Number : किसी भी व्यक्ति के साथ ऑनलाईन वित्तिय धोखाधडी होने की स्थिती में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल द्वारा शिकायत करने के लिये अब एक नया *हैल्पलाईन नम्बर 1930* जारी किया गया है। इसके माध्यम से जिस व्यक्ति के साथ वित्तिय साइबर अपराध हुआ है, वह इस नम्बर पर तुरंत शिकायत करके उन रूप्यों को फ्रीज करवा सकता है और कुछ औपचारिकताएं पूरी करने उपरांत अपने रूप्यों को वापिस पा सकता है। वंही पहले लॉन्च किये गये हैल्पलाईन नम्बर 155260 को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाएगा। यह प्लैटफॉर्म कैसे काम करता है और कैसे आपके गए हुये पैसे वापिस आते हैं।
शिकायतकर्ता जाने सबसे पहले रिपोर्टिंग और प्रारम्भिक कार्रवाई (Cyber Crime Alert)
सबसे पहले साइबर वित्तिय अपराध होने की स्थिती में शिकायतकर्ता को हैल्पलाईन नम्बर 1930 पर कॉल करनी होगी। यह फोन कॉल नियुक्त किये गये एक पुलिस अधिकारी द्वारा रिसीव की जाएगी और वह अधिकारी शिकायतकर्ता से लेनदेन से संबंधित कुछ जरूरी विवरण मांगेगा। (Online Financial Fraud Complain Helpline Number)इसके बाद एक टोकन नम्बर जनरेट होगा और लाभार्थी/अपराधी के बैंक खाते, पैमेंट वॉलेट या मरचेंट का पता लगाने व गई हुई राशी को रोकने के लिये एक डिजिटल अलर्ट भेजा जाएगा
ट्रैल और फ्रीज करने के लिए भेजा जायेगा अलर्ट (Cyber Crime Complain Helpline Number)
जैसे ही डिजिटल अलर्ट बजता है, सिस्टम द्वारा धोखाधडी वाले धन के प्रवाह को रोक/फ्रीज कर दिया जाता है और प्लेटफॉर्म पर वापिस रिर्पोट की जाती है। यदि पैसा किसी अन्य वित्तिय मध्यस्थ को स्थानांतरित कर दिया गया है तो भी उस पैसे को फ्रीज करने के लिये एक अलर्ट भेजा जाता है। यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती रहती है जब तक कि राशि को या तो अस्थायी रोक पर रखा जाता है, वापिस लिया जाता है या ऑनलाइन खर्च किया जाता है।
औपचारिक शिकायत की जानकारी मिलेगी SMS\मेल के दवारा (Online Financial Fraud)
शिकायतकर्ता को इस शिकायत की सूचना एक एसएमएस/मेल के माध्यम से प्राप्त होती है। जिसमें लॉग इन आईडी/शिकायत का संदर्भ नम्बर होता है और डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट साईबर क्राईम डॉट जीओवी डॉट इन का एक लिंक प्राप्त होता है।
दिए गए लिंक/ लॉग इन आईडी/शिकायत संदर्भ नम्बर का प्रयोग करते हुए हैल्पलाईन नम्बर पर कॉल करने के 24 घण्टे के अंदर शिकायतकर्ता को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल पर औपचारिक व विस्तृत विवरण (मोबाइल नम्बर, बैंक/वॉलेट/मरचेंट का नाम व नम्बर जिसमें से अमाउंट गई है,ट्रांजैक्शन आईडी व तारीख, अगर धोखाधडी किसी कार्ड के माध्यम से हुई तो उस डैबिट या क्रेडिट कार्ड नम्बर और इस धोखाधडी के लेनदेन के संबंध में कोई स्क्रीनशॉट अगर उपलब्ध है) सहित एक शिकायत दर्ज करानी अति आवश्यक है।
पुलिस की कार्यवाही लाएगा आपका पैसा वापिस (Online Financial Fraud Complain Helpline Number)
उपरोक्त शिकायत दर्ज करने के बाद गये हुये रूप्यों को वापिस लाने व उस पैसे को पीडित के खाते में वापिस करवाने के लिये पुलिस की कार्यवाही शुरू हो जाती है। यदि हैल्पलाइन नम्बर पर कॉल करने के 24 घण्टे के भीतर शिकायतकर्ता द्वारा कोई शिकायत नही की जाती है तो लाभार्थी के निर्देशों के अनुसार संबधित वित्तिय मध्यस्थों द्वारा रूका हुआ पैसा जारी कर दिया जाता है।
ऐसे साइबर अपराधियों का पता लगाने व दण्डात्मक कानूनों को लागू करने के लिये भी प्रयास शुरू किये गये हैं। जिनको जल्द ही अमल में लाया जायेगा। इस संबंध में करनाल पुलिस की आमजन से अपील है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति पर बिना जांचे परखे विश्वास ना करें और ना ही अपनी विश्वसनीय जानकारी किसी अन्य व्यक्ति के साथ सांझा करें।
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