कैथल। (मनोज वर्मा) कोविड-19 की आपातकालीन स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा स्कूली विद्यार्थियों के लिए काफी कारगर सिद्ध हो रही है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की पढ़ाई के बेहतर प्रबंध किय गए हैं। हर जगह ऑनलाइन शिक्षा ज़्यादा प्रचलित और लोकप्रिय हो गयी है। यह विचार स्थानीय राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हरिगढ़ किंगन के प्रधानाचार्या विजयलक्ष्मी ने कहे। विजयलक्ष्मी ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जिसका उपयोग करके शिक्षक अपने छात्रों के साथ ऑनलाइन जुड़ कर उन्हें पढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि विद्यालय के सभी अध्यापक प्राध्यापक विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर हैं। उन्होंने बच्चों के नियमित गृह कार्य पर जोर दिया और ऑनलाइन शिक्षा को विद्यार्थियों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बताया। जिला जूनियर रेड क्रॉस काउंसलर एवं प्राध्यापक राजा झींंजर ने कहा कि भावी परिवार, समाज और राष्ट्र की खुशहाली बच्चों की समुचित शिक्षा पर निर्भर करती है।
अत: अभिभावकों को अपने बच्चों के ऑनलाइन शिक्षण पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते बच्चों की शिक्षा व्यवस्था काफी प्रभावित रही है और अभिभावक और शिक्षक बच्चों के लिए विभिन्न ऑनलाइन माध्यम से स्कूली शिक्षा की समुचित व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं। झींजर ने कहा कि इस व्यवस्था में अभिभावकों की अहम जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था के लिए घर पर मोबाइल फोन, टीवी के साथ-साथ पाठ्य पुस्तकों और शिक्षामित्रों का विशेष सहयोग लिया जाए। प्राध्यापक श्यामलाल, देवदीप व विजय ठाकुर ने भी अभिभावकों को बच्चों की समुचित शिक्षा के आवश्यक प्रबंधों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही जीवन का मूल आधार है और जीवन का विकास इसी पर निर्भर करता है। श्यामलाल ने कहा कि बच्चों को आधुनिकतम तरीकों से ही सक्षम बनाया जा सकता है। इस अवसर पर मौलिक मुख्य अध्यापिका नवनीत बाला, चंद्रभान वर्मा, तरनजीत कौर, प्रोमिला रानी, आशा रानी, उषा रानी, ओमी देवी, मनजीत कौर, जसवंत कौर, राहुल कुमार आदि उपस्थित थे।