Rajput and Gurjar society :राजपूत समाज के नेताओं की करनाल बीजेपी जिलाध्यक्ष को सलाह, अपनी पार्टी को संभाले,समाज को संभालने के लिए राजपूत समाज के है लोग: कर्नल देवेंद्र

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Rajput and Gurjar society
Rajput and Gurjar society
  • *बीते दिनों समाज की ओर से जिलाध्यक्ष ने बैठक कर मुख्यमंत्री का जताया था आभार*
  • *राजपूत और गुर्जर समाज के बीच चल रहे विवाद को लेकर गठित की गई कमेटी को लेकर दी थी प्रतिक्रिया*

Aaj Samaj (आज समाज),Rajput and Gurjar society,करनाल इशिका ठाकुर : कैथल में कैथल चौक पर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के साथ गुर्जर शब्द जोड़ने को लेकर क्षत्रिय समाज ने रोष जताया था। जिसके बाद क्षत्रिय समाज और गुर्जर समाज के बीच विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है। वही क्षत्रिय समाज ने बीते दिनों कैथल में राजपूत महाकुम्भ सम्मेलन आयोजित कर सरकार को चेताया था। सम्राट मिहिर भोज पर एक ओर राजपूत समाज दावा कर रहा है वही दूसरी ओर गुर्जर समाज उन्हें अपना सम्राट बता रहा है। दोनों समाज की रस्साकशी में विवाद थम नही रहा। जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने एक कमेटी का गठन किया था।

वही बीते 2 दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के करनाल जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा ने समाज की ओर से कमेटी गठित करने पर मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। जिसको लेकर राजपूत समाज के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा की इस प्रतिक्रिया पर रोष व्यक्त किया। नेताओ ने सोमवार को करनाल सेक्टर 8 स्थित राजपूत धर्मशाला में पत्रकार वार्ता आयोजित कर जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा को सलाह देते हुए कहा कि वे सिर्फ भाजपा का गुणगान करने के लगे हुए है। बेशक वे समाज के व्यक्ति है लेकिन समाज के लिए निर्णय लेने का अधिकार केवल समाज के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों का है। भाजपा नेता अपनी पार्टी को संभाले।

वीर चक्र से सम्मानित क्षत्रिय राजपूत समाज के वरिष्ठ नेता कर्नल देवेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कैथल प्रकरण कोई नया नहीं है इससे पहले फरीदाबाद में इस तरह का मामला सामने आ चुका है वही उसके बाद यमुनानगर और अब कैथल में यह घटना घटी है बार-बार इस तरह की घटना घटने के बावजूद भी सरकार की ओर से कोई रोक नहीं लगाई गई। उन्होंने कहा कि इसको लेकर राजपूत समाज के सभी लोगों को इकट्ठा कर समाज का युवा घर-घर जाकर समाज के प्रति लोगों को जागरुक कर रहा है उन्होंने कहा कि अपने हाथों की लड़ाई के लिए हम प्रदेश के तमाम छोटे बड़े नेता से मिल चुके हैं लेकिन कोई समाधान इस मामले में नहीं हो पाया है वहीं उन्होंने कहा की एकमात्र विकल्प समाज को इकट्ठा कर शक्ति प्रदर्शन करना था ताकि अपनी आवाज को बुलंद किया जा सके।

वहीं इस अवसर पर बोलते हुए विनोद थमबड ने कहा कि समाज की लड़ाई भाजपा पार्टी और भाजपा सरकार से है। जिलाध्यक्ष से निवेदन है कि राजपूत समाज खड़ा हुआ है सब गिराने का काम न करें तो बेहतर होगा।उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष न तो समाज की किसी बैठक में आये और न ही हाल ही में हुए महाकुंभ में पहुंचे। उन्हें किसी बात का पता हो नही। जिलाध्यक्ष भाजपा में रहे,काम करें हमें कोई परेशानी नही लेकिन समाज को तोड़ने का काम न करें। वही उन्होंने कहा कि सम्राट मिहिर भोज राजपूत समाज से है,लेकिन हमने कभी भी नही कहा कि उनके नाम के आगे राजपूत लिखा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार अगर इस मामले को खत्म करने की पहल करेगी तो हम निश्चित रूप से पूरा सहयोग करेंगे हम लोग शांति प्रिय समाज के लोग हैं प्रदेश में शांति बनी रहे इसके लिए हर संभव प्रयास जारी रहेंगे।

उन्होंने कहा कि की राजा मिहिर भोज राजपूत जाति से हैं लेकिन हमारे समाज ने कभी नहीं कहा कि उसके आगे राजपूत लगे आप हिंदू सम्राट या क्षत्रिय लिखें हमें कोई एतराज नहीं है उन्होंने कहा कि हमने 18 तारीख को महाकुंभ किया 10 दिसंबर को दिल्ली में कर रहे हैं और 25 फरवरी को हम भिवानी में कर रहे हैं दूसरे जिलों से भी हमारे लिए प्रस्ताव आए हैं। उन पर भी विचार किया जा रहा है।

वही गुरदीप बीजना ने कहा कि अगर योगेंद्र राणा को मुख्यमंत्री का धन्यवाद करवाना है तो क्षत्रिय समाज की मांग पर गुर्जर नाम को हटाया जाए। जिन पुलिस वालों ने कोई भी गलती ना होने के बाद शांति पूर्ण धरने को लाठी के किया उन पर कार्रवाई की। इसके साथ ही जो केस दर्ज किए हैं उन सभी को बरी किया जाए। हाई कोर्ट के आदेश को कोई कमेटी का गठन हुआ है। उससे मुख्यमंत्री का धन्यवाद नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मैं योगेंद्र राणा को यही कहता हूं कि हमारी मांगों को अगर योगेंद्र राणा मुख्यमंत्री तक पहुंचाते हैं और मानवता हैं तो यह समाज हमेशा उनके साथ खड़ा है.

इस अवसर पर कर्नल देवेंद्र सिंह वीर चक्र ,विनोद थमबड मौजूद रहे विक्रम जिला पार्षद ,दिलबाग जिला पार्षद ,तेजपाल राणा , बीरजपाल राणा ,कुलदीप ज़िला पार्षद ,मानसिंह ,साहिल ,करमवीर भिवानी ,परमोद रजौंद ,रवींद्र रजौंद ,रामपाल राणा ,मोहर सिंह ,योगिंदर अमृतपुर ,कुलदीप राणा,गुरदीप बीजना आदि राजपूत समाज के लोग मौजूद रहे.

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