नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज ट्विटर हैंडल से अपने नाम के साथ जुड़ा अध्यक्ष पद हटा दिया और केवल सांसद लिखा। उन्होंने अपने इस्तीफे को दोहराया और पार्टी को जल्द से जल्द नया अध्यक्ष खोजने की अपील की। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस में अपने दर्द को भी साझा किया। चुनाव में पार्टी की जबरदस्त हार को लेकर अपने पार्टी सहयोगियों पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि एक वक्त वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बिल्कुल अकेले खड़े थे। उन्होंने चार पेज का एक नोट लिखते हुए उसमें कहा- “मैंनें व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री, आरएसएस और उन संस्थानों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसे उन्होंने नियंत्रण कर रखा है। मैंने यह लड़ाई इसलिए लड़ी क्योंकि मैं भारत से प्यार करता हूं। मैंने यह भारत के आदर्शों के रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। ऐसे वक्त में मैं बिल्कुल अकेले खड़ा था और मैं उस पर गर्व करता हूं।”
राहुल ने कहा- मैंने अपने कार्यकर्ता और पार्टी सदस्यों, महिला और पुरुषों से काफी धैर्य और समर्पण की भावना सीखी है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ 52 सीटों पर सिमट कर रह जाने जबकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के 303 सीटों पर शानदार प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की 25 मई की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने सीडब्ल्यूसी से भी कहा था कि वे नए अध्यक्ष की नियुक्त कर लें। लेकिन, पार्टी की सर्वोच्च निर्धारक ईकाई ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए एक प्रस्तावना पास किया और अध्यक्ष पद पर उन्हें ही रहने को कहा गया। 25 मई के बाद राहुल गांधी पार्टी के बहुत की ही कम सहयोगियों के साथ सीमित बात कर रहे थे और सभी बैठकों में वह अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए थे