सतनाली क्षेत्र से राजपूत समाज में अनूठी पहल की चहुंओर हो रही प्रशंसा
अमित वालिया, सतनाली:
वर्तमान समय में समाज में व्याप्त कुरीतियों के प्रति युवा वर्ग जागरूक हो रहा है तथा पुराने समय से चली आ रही कुरीतियों के उन्मूलन में न केवल अपना सहयोग दे रहे है बल्कि समाज में भी सकारात्मक संदेश देने में लगे है। दहेज के लालच में अनेक बार समाज में रिश्ते तक टूटने की नौबत आ जाती वहीं शादी की रस्मों के दौरान ही कई बार ऐसा संदेश भी दिया जाता है कि जिससे शादी खास हो जाती है। समाज में कुछ जागरूक नागरिकों द्वारा दहेज प्रथा रूपी कुरीति के विरुद्ध शुरू की गई मुहिम के सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे है।
दहेज प्रथा रूपी कुरीति को खत्म करने की मुहिम को आगे बढ़ाया
सतनाली निवासी एडवोकेट बलबीर सिंह शेखावत ने अपने पुत्र एडवोकेट तरूण शेखावत की शादी गांव नानू कलां जिला रेवाड़ी निवासी गजेंद्र सिंह चौहान की पुत्री कविता कंवर के साथ बगैर दहेज मात्र एक रुपये लेकर समाज में फैल रही दहेज प्रथा रूपी कुरीति को खत्म करने के लिए शुरू की गई मुहिम को आगे बढ़ाया है। दूल्हे के पिता एडवोकेट बलबीर सिंह शेखावत ने बताया कि उनका परिवार शुरू से ही समाज में फैली बुराइयों को मिटाने के पक्ष में रहे हैं। इसी कड़ी में बेटे की शादी बिना दहेज करके दहेज प्रथा को समाप्त करने की दिशा में एक छोटा सा कदम बढ़ाया है। उन्होंने दुल्हन को ही दहेज बताते हुए युवाओं से इस बारे में पहल करने की अपील की।
बिना दहेज के शादी करने के निर्णय की जमकर की सराहना
उन्होंने बताया कि दुल्हन के परिजनों ने अपनी बेटी को दान दहेज देने की पेशकश की थी परंतु उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया व किसी भी प्रकार के आभूषण व सामान नहीं लिया, केवल शगुन के तौर पर एक रुपये जरूर लिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने बेटे का लगन टीका तक नहीं लिया तथा बारात में करीब 150 लोग शामिल थे, उनके मान सम्मान के लिए भी एक रूपये ही लिया है। ध्यान रहे कि दूल्हा तरूण सिंह शेखावत एलएलबी व एलएलएम है तथा दुल्हन कविता कंवर एमए बी.एड के साथ आचार्य की पढ़ाई कर चुकी है। वहीं दूसरी ओर बिना दहेज के बेटे की शादी करने के निर्णय की उनके रिश्तेदारों व आसपास के लोगों ने जमकर सराहना की।
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