- 6,000 करोड़ रुपए का बजट
Modi Govt One Nation One Subscription, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र एक सदस्यता’ (One Nation One Subscription) योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस स्कीम को हरी झंडी दी गई। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस केंद्रीय क्षेत्र की योजना का उद्देश्य विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों तक पहुंच सुनिश्चित करना है। योजना के लिए 6,000 करोड़ रुपए का बजट आवंटन स्वीकृत किया गया है, जो कैलेंडर वर्ष 2025, 2026 और 2027 को कवर करता है।
अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि ‘एक राष्ट्र एक सदस्यता’ योजना पूरी तरह से डिजिटल और उपयोगकर्ता के अनुकूल प्रक्रिया का उपयोग करेगी। उन्होंने कहा इससे उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस पहल से देश भर में शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच को सुव्यवस्थित करके अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
योजना के मुख्य बिंदु
- वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का मकसद देश के शैक्षणिक क्षेत्र में विद्वानों के संसाधनों तक पहुंच को बढ़ाना और शोध-उन्मुख संस्कृति को बढ़ावा देना है।
- यूजीसी अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र द्वारा समन्वित यह योजना केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित 6,300 से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों और अनुसंधान केंद्रों को लाभ प्रदान करेगी।
- यह पहल सरकारी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) जैसे मौजूदा प्रयासों का पूरक होगी।
- इस राष्ट्रव्यापी सदस्यता से लगभग 1.8 करोड़ छात्र, संकाय और शोधकर्ता लाभान्वित होंगे। यह विकासभारत@2047, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) के लक्ष्यों के अनुरूप है।
- यह योजना विकास भारत@2047, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) के लक्ष्यों के अनुरूप है।
- एएनआरएफ समय-समय पर ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ के उपयोग और इन संस्थाओं के भारतीय लेखकों के प्रकाशनों की समीक्षा करेगा।
- यह पहल टियर 2 और टियर 3 शहरों सहित सभी विषयों के छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के विशाल प्रवासी समुदाय तक विद्वानों की पत्रिकाओं तक पहुंच का विस्तार करेगी।
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