One Nation One Election: एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी

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One Nation One Election: एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी
One Nation One Election: एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी

One Nation One Election Bill, (आज समाज), नई दिल्ली: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विधेयक एक राष्ट्र, एक चुनाव (One Nation, One Election) को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।बता दें कि एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt ) के एजेंडे में शीर्ष पर है।

शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना

सूत्रों के अनुसार विधेयक को संसद के इस शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा। इसी सितंबर में केंद्रीय कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उन्होंने बुधवार को कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव गेम चेंजर साबित होगा। उन्होंने कहा, यह मेरी ही नहीं बल्कि अर्थशास्त्रियों की राय है। वे मानते हैं कि इसके लागू होने के बाद देश की जीडीपी 1-1.5 प्रतिशत बढ़ जाएगी।

आसान नहीं वन नेशन, वन इलेक्शन

केंद्र सरकार भले शुरू से देश में वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक का समर्थन कर रही है, लेकिन इसके लिए आम सहमति बहुत जरूरी है और यह आसान काम नहीं है। मौजूदा व्यवस्था को चेंज करना बड़ी चुनौती है। एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करने के लिए लगभग छह विधेयक लाने होंगे। इन सभी विधेयकों को संसद में पारित करवाने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

प्रधानमंत्री ने की है प्रस्ताव की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में प्रस्ताव की तारीफ की थी। उन्होंने बताया था कि कैबिनेट ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा था, मैं इस प्रयास का नेतृत्व करने और विभिन्न हितधारकों से सलाह करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी की प्रशंसा करता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत व सहभागी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

पहल पर बनानी चाहिए आम सहमति : कोविंद

उच्चस्तरीय समिति ने पहले चरण के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की। उसके बाद 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा था कि केंद्र सरकार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पहल पर आम सहमति बनानी चाहिए। पूर्व राष्टÑपति ने कहा है कि यह मुद्दा किसी पार्टी के हित में नहीं बल्कि राष्ट्र के हित में है।

बार-बार चुनाव से समय और धन की बर्बादी

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बुधवार को राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने का समर्थन करते हुए तर्क दिया कि बार-बार चुनाव कराने से समय और सार्वजनिक धन की काफी बर्बादी होती है। इससे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, अधिकारियों और कर्मचारियों का टाइम बर्बाद होता है। सभी विकास कार्य ठप हो जाते हैं। उन्होंने कहा, मैं एक कृषि मंत्री हूं, पर चुनाव के दौरान, मैंने तीन महीने प्रचार में बिताए हैं।

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