कैम छो..आज गुजरात जोर में लागे…इस तरह से अपने गुजराती लोगों का गुजराती भाषा में पीएम मोदी ने हाल चाल जाना। उन्होंने केवडिया में आम जनता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि एक जमाने में मुझे फोटोग्राफी का शौक था। मगर अब छूट गई। आज मेरा मन कर रहा है कि ये दृश्य कैमरे में कैद कर रहा हूं। यहां का दृश्य ऐसा है जैसे आगे जनसागर है और पीछे जलसागर। हमारी संस्कृति में हमेशा माना गया है कि पर्यावरण की रक्षा करते हुए भी विकास हो सकता है। प्रकृति हमारे लिए आराध्य है, प्रकृति हमारा आभूषण है। पर्यावरण को संरक्षित करते हुए कैसे विकास किया जा सकता है, इसका जीवंत उदाहरण अब केवड़िया में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरदार सरोवर बांध है तो वहीं दूसरी ओर बटरफलाई गार्डन है। प्रकृति और पर्यावरण का अद्भुद संगम हो रहा है। नमामि देवी नर्मदे महोत्सव में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “आज के दिन मां नर्मदा के दर्शन का अवसर मिलना, पूजा-अर्चना का अवसर मिलना, मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है”। साथियों आज ही निमार्ण और सृजन के देवता की विश्वकर्मा की जयंती है।नए भारत के निर्माण के जिस संकल्प को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, उसमें भगवान विश्वकर्मा जैसी सृजनशीलता और बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने की इच्छाशक्ति बहुत आवश्यक है। भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे। सरदार साहब की सबसे उंची प्रतिमा उस इच्छाशक्ति का प्रतीक है। उनकी प्रेरणा से हम नए भारत के संकल्प को प्राप्त करेंगे। सरदार पटेल ने जो सपना देखा था वह दशकों बाद पूरा हो रहा है। वह भी सरदार साहब की उंची प्रतिमा के सामने हो रहा है। हमने पहली बार सरदार सरोवर बांध पूरा भरा हुआ देखा है। यह अद्भुद है अविस्मरणीय है। यहां तक पहुंचने में आम लोगों का योगदान रहा है। आज का दिन उन लाखों साथियों का आभार व्यक्त करने का है जिन्होंने सरदार सरोवर परियोजना के लिए योगदान दिया। केवडिया में आज जितना उत्साह है उतना ही पूरे गुजरात में है। यही वह प्रेरणा है जिसके बल पर जल जीवन मिशन आगे बढ़ने वाला है।
गुजरात में हो रहे सफल प्रयोगों को, जनभागीदारी के प्रयोगों को और आगे बढ़ाना है। आज कच्छ और सौराष्ट्र के क्षेत्रों में भी मां नर्मदा की कृपा हो रही है। वह क्षेत्र जहां कई दिनों तक पानी नहीं पहुंच पाता था वहां पानी के लिए गोलियां तक चल जाती थीं। मुझे याद है साल 2000 में गर्मियों में यह हालत हो गई थी कि पानी के लिए स्पेशल प्लेन चलाने की जरूरत पड़ गई थी। गुजरात के लोगों ने कभी भी हिम्मत नहीं हारी। आज 19 लाख हेक्टेयर जमीन माइक्रो इरिगेशन के दायरे में हैं और लगभग 12 लाख किसानों को इसका लाभ मिल रहा है। पानी बचाने का अभियान जोर शोर से चलाया गया। पीएम ने कहा कि एक तरफ बचत हुई तो दूसरी ओर किसानों की आय भी बढ़ी। जब कच्छ में नर्मदा का पानी पहुंचा था तब मैंने कहा था कि यह पारस सिद्ध होगा। नर्मदा का पानी पारस है जिससे मिट्टी के स्पर्श करने से मिट्टी सोना हो जाती है। गुजरात में 2001 तक सिर्फ 26 प्रतिशत घरों में नलों से पानी आता था। आज 78 प्रतिशत घरों में नल से पानी आता है। आज गुजरात के गांव और शहर पानी के नेटवर्क से जुड़ रहे हैं। उन्होंने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री आंनदी बेन और वर्तमान मुख्यमंत्री रूपानी को उन्होंने बहुत बधाई दी। गुजरात के किसानों की कमाई को दोगुना करने के लिए 2022 तक अनेक कदम उठाए गए हैं। गुजरात में हो रहे सफल प्रयोगों को देश में आगे बढ़ाना है।
रोरो फेरी के तहत तीन लाख लोगों ने यात्रा की। स्टेच्यू आॅफ लिबर्टी को देखने के लिए प्रतिदिन 10 हजार लोग पहुंचते हैं। स्टेच्यू आॅफ यूनिटी को देखने के लिए केवल 11 महीनों में प्रतिदिन 8 हजार लोग आते हैं। यहां के लोगों के लिए यह नए रोजगार के साधन मिल रहे हैं। हमें यह ध्यान रखना है कि इस क्षेत्र को सिंगल यूज प्लास्टिक से बचाना। हमारा जंगल और हमारी जमीन प्लास्टिक से दूर रहे, बची रहे। 17 सितंबर विश्वकर्मा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका दूसरा महत्व भी है। आज का दिन सरदार साहब का स्वर्णिम दिन है। आज के दिन हैदराबाद का विलय भारत में हुआ था। कल्पना कीजिए अगर उनकी दूरदर्शीता न होती तो भारत का नक्शा कैसा होता। आज सरदार साहब के सपने को पूरा होता देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को सत्तर सालों तक भेदभाव का सामना करना पड़ा है। एक भारत श्रेष्ठ भारत सरदार साहब का यह सपना देश पूरा कर रहा है। सरदार साहब की प्रेरणा से एक महत्वपूर्ण फैसला देश ने लिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर के लोखों लोगों के सहयोग और उनके साथ से विकास और विश्वास की नई धारा बहेगी। बीते 100 दिनों में अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के कई फैसले लिए गए हैं। हमारी सरकार पहले से भी ज्यादा तेज गति से काम करेगी और बड़े सपनों को साकार करेगी। नर्मदे और भारत माता की जय के साथ अपने भाषण की समाप्ति की।