कैथल (मनोज वर्मा) जैसा की हम सब जानते हैं कि कोविड 19 के दो पड़ाव हम झेल चुके हैं। प्रथम पड़ाव में जहां लोगों को जबरदस्ती रोका जा रहा था और लोग रुकने को तैयार नहीं थे। वहीं दूसरी लहर में लोगों को कुछ कुछ समझ आ चुका था, कि कोविड हमारे लिए, हमारे अपनों के लिए कितना खतरनाक है। कोरोना की दूसरी लहर बड़ी घातक सिद्ध हुई है। ऐसा कोई गांव नहीं था जहां से इसने किसी को न लीला हो। आज कोई भी परिवार ऐसा नहीं है जिसका कोई रिश्तेदार, सगा संबंधी या मित्र प्यारा इस आपदा से प्रभावित ना हुआ हो। इस लहर में हमने अपनों को खोया है। विशेषज्ञों के अनुसार कोविड की तीसरी लहर इस से भी ज्यादा तबाही ला सकती है। इसलिए हमें अभी से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
गोपाल सोशल फाउंडेशन के संस्थापक प्रियव्रत शर्मा ने बताया कि कोविड 19 की तीसरी लहर को रोकने के लिए हमें कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके लिए सबसे पहला कदम है जागरूकता। हमें खुद भी जागना है और औरों को भी जगाना है। दूसरा है टीकाकरण, ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीकाकरण के लिए आगे आना चाहिए और दूसरों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। तीसरा है आत्मरक्षा। हमें ध्यान रखना चाहिए की हम अनावश्यक रूप से बाहर ना जाएं, भीड़ भाड़ वाली जगह से परहेज करें। चौथा है प्रशासन को सहयोग। हमें पता है की हमारे प्रशासनिक अधिकारी कोविड से निपटने के लिए जी जान से लगे हुए हैं। इसलिए उनकी तरफ से जो भी हिदायतें मिलती हैं उनका पालन किया जाए। क्योंकि अगर तीसरी लहर आई तो इस पर काबू पाना मुश्किल होगा। इसलिए हमने इस लहर को आने से पहले ही रोकना है और हम सब मिलकर ये काम कर सकते हैं और कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में अपना योगदान दे सकते हैं।
टीकाकरण सुरक्षित है, आचार्य ऋषिराम शर्मा
गोपाल सोशल फाउंडेशन के अध्यक्ष आचार्य ऋषिराम शर्मा ने बताया कि टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया कि उन्हें वैक्सीन का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हुआ। बल्कि वो सामान्य महसूस कर रहे हैं तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
मानव सेवा सर्वोत्तम है
इसके अलावा संस्थापक प्रियव्रत शर्मा, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में 60 (साठ) से ज्यादा महाविद्यालयों के विद्यार्थियों व प्रशिक्षकों को बीट कोविड कैंपेन के तहत कोविड से निपटने के लिए प्रशिक्षण दे चुके हैं तथा ईच वन, रीच वन की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए लोगों को मानवता की सेवा के लिए प्रेरित व प्रशिक्षित कर चुके हैं।