गूगल के सहयोग से क्लाइमेट वेरीफेकेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

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One day workshop organized at Central University of Haryana (HAKV)
One day workshop organized at Central University of Haryana (HAKV)

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, पर्यावरण अध्ययन विभाग एवं गूगल न्यूज इनिशिएटिव एवं डाटा लीडस के संयुक्त तत्वाधान में क्लाइमेट वेरीफिकेशन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को मौसम एवं पर्यावरण से जुडे़ झूठे समाचारों की परख कैसे की जाए इसके बारे में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने संदेश के माध्यम से कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों के लिए बेहद लाभप्रद होते हैं।

तथ्यात्मक सूचनाएं ही फेक न्यूज से बचाव का समाधानः मयंक अग्रवाल

कार्यशाला को संबोधित करते हुए गूगल ट्रेनर एवं पर्यावरण पत्रकार मयंक अग्रवाल ने कहा कि दुनिया भर में गलत व भ्रमित करने वाली सूचनाओं की सुनामी है। डिजिटल मीडिया के प्रसार के कारण आज सूचनाओं का अंबार है। डिजिटल माध्यमों से झूठ भी फैलाया जा सकता है व इन्हीं माध्यमों से हम सही व गुणवत्तापूर्ण सूचनाएं लोगों को भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों एवं पर्यावरण अध्ययन के विद्यार्थियों की यह जिम्मेवारी है कि वे इन गलत सूचनाओं को मुकाबला तथ्यों के साथ-साथ विज्ञान के साथ करें। उन्होंने कहा कि विज्ञान व उसके प्रमाणों के आधार पर ही झूठ को बेनकाब किया जा सकता है। उन्होंने वेरीफिकेशन की महत्ता बताते हुए वेरीफिकेशन के साधन भी बताए। मयंक अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में क्लाइमेट एक ऐसा विषय है जो अनेक विषयों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी सूचना पर विश्वास करने से पहले उसकी सत्यता जांच लेनी चाहिए। सूचना एवं खबरों की सत्यता जांचने के लिए उन्होंने विभिन्न वैज्ञानिक सूचना स्रोत एवं संस्थाओं के बारे में अवगत करवाया जहां से तथ्यपरक सूचनाएं प्राप्त की जा सकती है।

पत्रकारिता एवं जनसंचार तथा पर्यावरण अध्ययन से विद्यार्थी इस कार्यशाला से लाभान्वित हुए

जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने कहा गलत व झूठी सूचनाएं किसी समाज व दुनिया के लिए खतरा है। डिजिटल माध्यमों के प्रसार के कारण हम सूचनाओं के विस्फोट के दौर में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि सत्य एवं गुणवतापूर्ण समाचार लोगों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि भावी पत्रकारों को इसके लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है। पर्यावरण विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोना शर्मा ने कहा किसी भी विषय में संचार अति महत्वपूर्ण है। विद्यार्थी पर्यावरण अध्ययन के साथ साथ पर्यावरण जर्नलिस्ट के रूप में भी समाज में अपना योगदान दे सकते हैं। क्लाइमेट वेरीफिकेशन विषय पर आयोजित इस कार्यशाला से पर्यावरण विभाग के विद्यार्थी सटीक सूचनाओं को प्राप्त एवं प्रसारित करने के बारे में अवगत हुए। कार्यशाला के संयोजक श्री आलेख एस नायक ने मंच का संचालन किया व कार्यशाला के महत्व के बारे में बताया। इस कार्यशाला के दौरान पत्रकारिता एवं जनसंचार तथा पर्यावरण अध्ययन विभाग के सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी इस कार्यशाला से लाभान्वित हुए।

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