नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा गठबंधन में महाराष्टÑ विधान सभा चुनाव लड़ रहीं हैं। कई बैठकों के बाद सीटों के बंटवारे पर बात बनी। इस बार ठाकरे परिवार भी चुनावी में समर में कूद गया। बाला साहब ठाकरे के पोते आदित्य ठाकरे इस बार विधान सभा चुनाव लड़ रहे हैं। सीटों के बंटवारे में शिवसेना को 124 सीेटें मिली हैं जबकि भाजपा ने 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि उनके बेटे के राजनीति में उतरने का यह आशय नहीं है कि वह राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि कोई शिवसैनिक एक दिन राज्य का मुख्यमंत्री बनेगा। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना को दिये एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनावों में ‘मोदी लहर पर लगाम लगाई थी। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अब इस बहस में जाने का कोई मतलब नहीं है कि उस समय वे भाजपा से क्यों अलग हुए थे। उद्धव ठाकरे ने साक्षात्कार में कहा, ह्लएक दिन कोई शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा, यह एक वादा है जो मैंने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब से किया था। उद्धव ठाकरे की इस भविष्यवाणी का केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पहले मुस्कुराए। मीडिया ब्रीफिंग में पूछे जाने पर जावड़ेकर ने कहा कि शिवसेना नेता ने अपनी इच्छा व्यक्त की है और निश्चित रूप से इसमें कुछ भी गलत नहीं है। ठाकरे ने कहा, ह्लआदित्य के विधानसभा चुनाव लड़ने का यह मतलब नहीं है कि मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। मैं यहीं हूं।ह्व उद्धव ठाकरे ने राकांपा नेता अजित पवार के परोक्ष संदर्भ में व्यंग्यात्मक रूप से कहा, ह्लमैं खेती करने नहीं जा रहा।ह्व गौरतलब है कि पवार ने हाल ही में विधायक पद से इस्तीफा दिया था और अपने बेटे को सलाह दी थी कि वह राजनीति की जगह खेती करे या कोई कारोबार कर ले।