सतीश बंसल इंसां, सिरसा:
वार्ड नं. 1 श्री बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड समाज धर्मशाला में चल रही श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा में पांचवे दिन श्री कृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। यह जानकारी देते हुए सभा के प्रधान आनंद सिंह रावत ने बताया कि सभा द्वारा समाज की महिलाओं एवं युवा बद्र्रीनाथ परिवार के सहयोग से श्रीमद् भागवत कथा चल रही है। पांचवें दिन कथा वाचक आचार्य ओमप्रकाश ध्यानी ने कथा में श्री कृष्ण जन्म बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कहा कि कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं।
कृष्ण जी के जीवन लीला के बारे में बताया
जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब- तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक तेईस अवतारों को धारण किया। इन अवतारों में उनके सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीराम और श्रीकृष्ण के ही माने जाते हैं। श्री कृष्ण का जन्म क्षत्रिय कुल में राजा यदु कुल के वंश में हुआ था। भागवत भूषण ने कृष्ण जी के जीवन गाथा का विस्तार पूर्वक विवरण कर संगतों को कृष्ण जी के जीवन लीला के बारे में बताया गया।
कथा के प्रारंभ में श्री भागवत भगवान का पूजन कर आरती उतारी गई। सभा के संरक्षक एवं पूर्व प्रधान भोपाल सिंह खत्री, कार्यकारिणी सदस्य महेश करगेती, सभा के कोषाध्यक्ष गणेश सिंह भुलानी व राहुल शर्मा नेे परिवार सहित दीप प्रज्जवलित कर व्यास पीठ की पूजा-अर्चना की। वहीं कथा सहयोगी आचार्य राकेश ढौढिय़ाल, आचार्य महेश ढौढिय़ाल, नितिन नौटियाल व सुमित ढौढियाल सहित अन्य संगीतज्ञों ने पुष्प कथा के बीच-बीच में भागवत भजन के द्वारा माहौल को भागवत मय एवं भक्ति मय बना दिया। कथा सुनने के लिए समाज के महिला-पुरूषों सहित आस पास के लोगों की भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज करवाई।
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