Haryana Assembly Election: लोगों की मांग और अपनी वरिष्ठता के दम पर मैं मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश करूंगा: अनिल विज

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अनिल विज
अनिल विज

विज ने ‘काम किया है काम करेंगें’ के नारे के साथ प्रस्तुत किया अपने कामों का रिपोर्ट कार्ड

Ambala News (आज समाज) अंबाला: जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है। वैसे ही हरियाणा विधानसभा चुनाव रोचक होता जा रहा है। सभी पार्टियों के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रहे है। बहरहाल ये तो मतगणना वाले ही दिन पता चलेगा की किस उम्मीदवार का दावा सही निकला। इसी कड़ी में आज अंबाला छावनी से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सीएम पद को लेकर बड़ा बयान दिया है। भाजपा के कद्दावर नेता अनिल विज ने सीएम पद के लिए खुलकर दावेदारी जता दी है। विज ने कहा कि मेरे पास सारे हरियाणा से लोग आ रहे हैं और जहां-जहां भी मैं गया हूं, मुझे कह रहे हैं कि आप सीनियर मोस्ट हो, आप मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनें। उन्होंने कहा कि लोगों की मांग और अपनी सीनियरटी के दम पर मैं मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश करूंगा, पार्टी बनाती है या नहीं बनाती लेकिन अगर मुझे इस प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया तो मैं हरियाणा की तकदीर बदल दूंगा, मैं हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा। विज आज अंबाला छावनी में विधानसभा चुनावों के लिए अपने कामों और योजनाओं व परियोजनाओं के बारे में अपने रिपोर्ट कार्ड की जानकारी भाजपा चुनावी कार्यालय में पत्रकारों को दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आज वे अपना नारा काम किया है काम करेंगें के संबंध में अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के बीच में रखने के लिए हाजिर हुए है।

विपक्ष में रहते हुए लोगों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का किया काम

विज ने कहा कि अंबाला छावनी की जनता ने मुझे 6 बार विधायक बनाया है और अब मैं सातवीं बार चुनाव लड रहा हूं। इन 6 कार्यकाल में काफी समय में मैं विपक्ष में रहा, परंतु जब-जब मैं विपक्ष में रहा, तो मैंने लोगों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का काम किया। विपक्ष में रहते हुए मैंने कई धरने दिए, कई आंदोलन किए, कई कोर्ट के माध्यम से कार्य करवाए, जैसे कि सुभाष पार्क को उस समय की सरकार के लोगों ने बंदरबांट कर लिया था और बहुत लडाई करके सुभाष पार्क का बचाया। इसी प्रकार से गांधी गाउंड में, जहां आज बैंक स्क्वेयर बन रहा है, उसपर उस समय के एक मंत्री के परिवार ने कंटीली तार लगाकर कब्जा कर लिया था, इस जमीन को छुड़ाने में संघर्ष किया और उसे कोर्ट से छुड़ाने का काम किया। उन्होंने बताया कि शहर के विकास के लिए भी अर्धनग्न प्रदर्शन किए, जिसे आज सारे देश में हमारी बार-बार रील दिखाई जाती है। उन्होंने कहा कि जब जब भी हमें मौका मिला हमने विपक्ष के तौर पर आवाज उठाने का काम किया हैं।

अंबाला छावनी के लोगों को दिलाया उनका हक: विज

उन्होंने कहा कि अंबाला छावनी के लोगों को विकास से महरूम रखा गया और विकास का कोई भी काम नहीं करवाया गया लेकिन मैंने अंबाला छावनी के लोगों को उनका हक दिलाने का काम किया है। वैसे तो मेरे द्वारा किए गए कामों की फेहरिस्त लंबी हैं जिसमें अंबाला कैंट में 150 धर्मशालाएं बनवाई, सिविल अस्पताल, कैंसर अस्पताल, डाक्टरों के 100 आवास बनाकर दिए हैं। सरकारी कालेज बनाया, हरियाणा का सबसे बडा बस अड्डा, अंबाला का जल स्तर उंचा उठाने के लिए नहरी पानी आधारित योजना लागू, जनसूई हेड से पाईप डालकर अंबाला में लाए, घसीटपुर में वास्टर ट्रीटमेंट प्लांट व बूस्टर लगाए गए। उन्होंने बताया कि अंबाला में पाईपलाईन आधो माजरा से टांगरी तक आ गई है और कलरहेडी के घर तक ये पानी पहुंचाने का काम करेंगे। अंबाला छावनी में बिजली की बहुत समस्या थी क्योंकि बीबीएमबी से अंबाला को बिजली मिलती थी और बीबीएमबी पर बिजली का लोड अधिक था और दिल्ली भी बीबीएमबी पर आधारित थी जब दिल्ली को अतिरिक्त बिजली दी जाती थी तो अंबाला में बिजली नहीं आती थी लेकिन हरियाणा में सरप्लस बिजली होने के बावजूद अंबाला में बिजली नहीं आती थी क्योंकि अंबाला को हरियाणा के साथ जोडा नहीं गया था और किसी भी नेता ने इस ओर प्रयास नहीं किया। लेकिन मैंने 66-66 केवीए के दो सर्किट डलवाए और शाहबाद से जुड़वाया।

अनसंग नायकों की याद में बन रहा एशिया का सबसे बड़ा स्मारक

उन्होंने बताया कि अंबाला में अनाज मंडी की बहुत बडी समस्या थी और सारा अनाज शहर में आता था और उसके चारों के लोग डस्ट संक्रमण से ग्रसित थे क्योंकि हर साल जब गेहूं या जीरी आती थी तो लोग बीमार होते थे। कई बार कई मुख्यमंत्रियों ने पत्थर लगाए लेकिन अनाज मंडी किसी ने बनाकर नहीं दी। परंतु मैंने जीटी रोड पर अनाज मंडी बनाकर दी जो आज सफलतापूर्वक संचालित हैं। उन्होंने कहा कि आजादी की पहली लड़ाई अंबाला छावनी से शुरू हुई और उस लड़ाई में अंग्रेजों ने लोगों को पेड़ पर बांधकर मारा था, तोप के आगे बांधकर उड़ाया गया था और इन अनसंग नायकों की याद में भी हमें यहां पर कोई स्मारक बनाना चाहिए जिसके लिए मैंने 20 साल तक संघर्ष किया।

कांग्रेस में अंग्रेजों के खून की झलक

विज ने कहा कि हमने किताबों में पढ़ा कि कांग्रेस ने आजादी की पहली लडाई लडी लेकिन कांग्रेस का जन्म 1885 में हुआ और एक अंग्रेस एओ हयूम ने यह संस्था बनाई थी। इसलिए कांग्रेस में कभी-कभी अंग्रेजों के खून की झलक आज भी नजर आती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जन्म से 28 साल पहले देश में 1857 में एक बहुत ही बड़ी आजादी लड़ाई लड़ी गई जिसकी शुरूआत अंबाला कैंटोनमेंट से हुई। मेरठ से भी 10 घंटे पहले इस आजादी की लड़ाई की शुरूआत हुई थी। उस समय झांसी की रानी, तात्या टोपे जैसे नायकों सहित सारे देश में सशस्त्र अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन हुआ। इन अनसंग नायकों की याद में जीटी रोड पर एक शहीद स्मारक बना रहे हैं जोकि एशिया का सबसे बडा स्मारक है। इसके अलावा, उसके साथ ही एक सांइस म्यूजियम बना रहे हैं।

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