• सीएम योगी ने दिए हैं कोई कोताही न बरतने के निर्देश
  • 26 फरवरी को शिवरात्रि के मौके पर संपन्न होगा कुंभ

Kumbh 2025, (आज समाज), लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे महाकुंभ मेें पवित्र त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का स्नान करने का सिलसिला जारी है। आज बसंत पंचमी (Basant Panchami ) भी है और बड़ी संख्या में भक्त अमृत स्नान के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। अलसुबह से स्नान का सिलसिला जारी है और सुबह 8 बजे तक 41.90 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। बीते कल यानी एक फरवरी तक 33.61 करोड़ से ज्यादा भक्तों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई थी।

पूरी तरह सतर्कता बरत रहा प्रशासन

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दौरान 29 जनवरी को मची भगदड़ में हुई 30 लोगों मौत के बाद प्रशासन इस बार पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है। यातायात को भी ज्यादा चुस्त-दुरुस्त रखा जा रहा है, ताकि भक्तों को किसी तरह की परेशान न हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बसंत पंचमी के मौके पर महाकुंभ में किसी तरह की कोताही न होने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने तैयारियों की समीक्षा भी की है।

लागू नहीं होगा वीआईपी प्रोटोकॉल

29 जनवरी की घटना के बाद आज व अन्य शाही स्नान के मौके पर भी किसी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू न करने की हिदायत दी गई है। मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन बना दिया गया है। चारों तरफ तैनात पुलिस भीड़ न एकत्रित हो, इस पर खास नजर रख रही है। इस बीच मेले के सेक्टर-18 में गैस सिलेंडर लीक होने की सूचना है। इससे आग लग गई और एक टेंट जल गया। हालांकि प्राप्त जानकारी के अनुसार समय रहते दमकल विभाग ने मौके पर आग को नियंत्रित कर बड़ा हादसा होने से बचा लिया।

विदेशों से रोज 2 करोड़ लोग पहुंच रहे संगम

भारत के अलावा विदेशों से भी प्रतिदिन लगभग 2 करोड़ लोग त्रिवेणी संगम स्थित अलग-अलग घाटों पर स्नान करके पुण्य कमा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रयागराज में महाकुंभ 13 फरवरी से चल रहा है और यह 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर संपन्न होगा। शुरू से अब तक संगम में 34 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 26 फरवरी तक यह संख्या 50 करोड़ को पार सकती है।

हरिद्वार : हर की पौड़ी पर भी गंगा में लोगों ने लगाई डुबकी

धार्मिक नगरी हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी पर भीबसंत पंचमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में पवित्र डुबकी लगाने और मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने के लिए एकत्र हुए। सुबह से ही यहां  देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कई लोगों ने दान-पुण्य और अनुष्ठान भी किए। कई ने गंगा आरती में भाग लिया। माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन मां  सरस्वती (Maa Saraswati) का जन्म हुआ था और इस शुभ दिन पर गंगा में डुबकी लगाने का बहुत महत्व है।

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