Aaj Samaj (आज समाज), Omar Abdullah, नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने खुद से अलग रह रही पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक को लेकर अर्जी दायर की थी। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने कहा कि उनकी अपील में कोई योग्यता नहीं है।
निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा
उन्होंने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है। निचली अदालत ने अपने आदेश में अब्दुल्ला को तलाक देने से इनकार कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्व सीएम द्वारा दायर अपील में कोई दम नहीं है। अब्दुल्ला ने पायल से इस आधार पर तलाक मांगा है कि पायल ने उसके साथ क्रूरता की है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, क्रूरता के आरोप अस्पष्ट और अस्वीकार्य हैं। पारिवारिक अदालत के इस विचार में हमें कोई खामी नहीं मिली है।
अपीलकर्ता क्रूरता साबित करने में विफल रहा
अपीलकर्ता ऐसे किसी भी कार्य को साबित करने में विफल रहा जिसे क्रूरता का कार्य कहा जा सकता है, चाहे वह उसके प्रति शारीरिक या मानसिक हो। 30 अगस्त 2016 को ट्रायल कोर्ट ने अब्दुल्ला की तलाक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि अब्दुल्ला ‘क्रूरता’ या ‘परित्याग’ के अपने दावों को साबित नहीं कर सके।
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