Olympics 2024 | डाॅ.श्रीकृष्ण शर्मा | नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक खेलों के शुरू होने में अब चंद दिन शेष हैं। भारतीय खिलाडियों को इन ओंलंपिक खेलों में कुछ नया करके दिखाने के लिए एक लंबा अनुभव और सफल प्रदर्शन भी जरूर उत्साहित कर रहा होगा। भारतीय खिलाडी इन खेलों के साथ 124 सालों से जुडकर एक लम्बे अनुभव के साथ बेहतर करने के मकसद चुनौती पेश करेंगे। पिछले टोक्यो ओलंपिक खेल भारतीय खेल उपलब्धियों के लिहाज से सबसे बेहतर रहे।
जहां हमारे खिलाडियों ने 7 मेडल जीतकर साबित करने की कोशिश की कि भारतीय खिलाडियों की यह सफलता आने वाले दिनों में ओर बढेगी। टोक्यो में यह कामयाबी 1 स्वर्ण पदक, 2 रजत पदक और 4 कांस्य पदक की रही थी। हमारे खिलाडी क्या बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं यही परीक्षा अब इन पेरिस ओलंपिक खेलों में होने जा रही है। खेल से जुडे लोगों का मानना है कि हमारे खिलाडी इस बार सफलता का एक नया इतिहास रचेेगे।
यह आंकडा दहाई तक पहुंचने की पूरी संभावनाएं हंै। अब तक ओलंपिक खेलों में भारत को कुश्ती में 7, शूटिंग में 4, एथलेटिक 3, बाॅक्सिंग 3, वेटलिफ्टिंग 2 और टेनिस मेेेेेेेेेेेेेेेे 1 पदक की भी सफलता मिल चुकी है। इस बार भाग ले रहे सौ से ज्यादा खिलाडियों से कम से कम 10 मेडल जीतने की उम्मीद की जा रही है।
एथलेटिक, हाॅकी, बैडमिंटन, कुश्ती, मुक्केबाजी, भारोत्तोलन, गोल्फ, शूटिंग आदि में शानदार प्रदर्शन की प्रबल संभावना बताई जा रही। भारतीय खिलाडी भी एक नया इतिहास रचने के लिए अपनी अपनी कमर कस लिए हैं। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक आयोजित होने वाले खेलों के इस महाकुंभ में 32 खेलों के 329 इवेंट्स में दुनियाभर के करीब 206 देशों के 10,500 खिलाडी पदक के लिए भिडेंगे।
इन आधुनिक ओलंपिक खेलों की शुरूआत 1896 में हुई थी। अगर भारत की बात करें तो भारत ने 1900 के ओलंपिक खेलों से भाग लेना शुरू किया। भारत अब तक 27 बार हिस्सा ले चुका है। 10 स्वर्ण पदक सहित 35 मेडल की जीत भी भारत के साथ जुड चुकी हैं। इन 10 स्वर्ण पदकों में 8 स्वर्ण पदक अकेले पुरूष हाॅकी के ही हैं। 9 रजत पदक और 16 कांस्य पदक भारत अब तक ओलेंपिक खेलों में जीत चुका है। हाॅकी की स्वर्णिम सफलता के अतिरिक्त 1 स्वर्ण पदक शूटिंग में और 1 स्वर्ण पदक एथलेटिक के साथ जुड सका है।
हाॅकी के 8 स्वर्ण पदक साथ कुल 12 पदक की कामयाबी जुडी है। हाॅकी के साथ 1 रजत पदक और 3 कांस्य पदक की भी सफलता है। पिछले ओलंपिक खेलों में 41 साल के लम्बे अंतराल के बाद पुरूष हाॅकी की टीम ने कांस्य पदक जीतकर सूखे को खत्म करने वाला काम किया था। इस बार यह हाॅकी की टीम स्वर्ण पदक में बदलने का दम रखती है। सबसे ज्यादा पदक की जीत पिछले टोक्यो ओलंपिक खेलों में रही।
जिनमें नीरज चैपडा के जैवलिन थ्रो में जीते गए स्वर्ण पदक के अलावा कुश्ती में रजत और कांस्य, मुक्केबाजी में कांस्य, वेटलिफ्टिंग में रजत, बैडमिंटन में कांस्य और पुरूष हाॅकी में कांस्य पदक जीत की हमारे खिलाडियों ने भारत के खाते में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन दर्ज कराया था।
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