प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर:
Officers and Employees Misused Money: लाखों की लागत से कलेसर में वन विभाग ने भूमि कटाव रोकने के लिए 8 दीवारें बनाई गई है। इन दीवारों को मिट्टी युक्त स्थानीय रेत व मोटे पत्थरों से भर दिया गया है। अब यह दीवारें बनने से पहले ही खुद ही जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।
ठेकेदार से मिलीभगत की आशंका
ऐसे में वन विभाग के कर्मचारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। लोगों ने प्रशासन से यहां पर बनाई गई दीवारों की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है वहीं डीएफओ यमुनानगर ने भी जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।(Officers and Employees Misused Money) बता दें वन विभाग कलेसर की तरफ से हर वर्ष की भांति इस बार भी लाखों रुपए की लागत से भी भूमि कटाव रोकने व अन्य कार्यों के लिए दीवारें बनाई गई हैं। जिनमें वन विभाग ने रेस्ट हाउस कलेसर व मठ के साथ साथ नीचे 8 दीवारों का निर्माण किया है।
मंजूर हुए 15 लाख रुपये
यहां पर स्थानीय वन मंत्री के सहयोग से लगभग 15 लाख रुपये मंजूर करवाए गए थे। इस पैसे का स्थानीय अधिकारी व कर्मचारियों ने जमकर दुरुपयोग किया। लोगों का कहना है कि स्थानीय मंत्री चौधरी कंवर पाल के सहयोग से यहां भूमि कटाव व बिल्डिंग के रखरखाव के लिए पैसों की मांग की गई थी जिस पर उन्होंने लगभग 15 लाख रुपए मंजूर करवाए थे लेकिन वन विभाग कालेसर कर्मचारियों व ठेकेदार ने इन दीवारों के निर्माण में मोटे पत्थर और मिट्टी युक्त रेत लगाकर मामले की इतिश्री कर दी।
दो महीने बाद गिर रहीं दीवारें
बनने के लगभग 2 महीने बाद भी यह दीवारें खुद-ब-खुद टूट कर गिर रही हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं वन विभाग व ठेकेदार की मिलीभगत सामने आती है। वही इस बारे में जिला अधिकारी सूरजभान का कहना है की कलेसर में बनाई गई दीवारों की कम गुणवत्ता व मिट्टी युक्त रेत लगाने की शिकायत मिली है। वह इसकी जांच करवाएंगे। जिन लोगों ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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