सुरेन्द्र दुआ,नूंह:
जिला मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों द्वारा कार्य दिवस पर लोगों की शिकायतें न सुनने के आरोप अब सार्वजनिक हो रहे हैं और प्रचण्ड गर्मी में पैदल चलकर आने वाले शिकायतकर्ताओं को संबंधित अधिकारी ना मिलने से उनका सरकार की जारी एडवाईजरी से मोह भंग हो रहा है, क्योकि या तो अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं रहते हैं या उनकों दी गई शिकायत पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं हो पा रही हैं। इससे सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति पर अधिकारी व उनके कर्मचारी पलीता लगा रहे हैं।
अधिकांश कार्यालय पर अधिकारी -कर्मचारी मिलते हैं गायब
उल्लेखनीय है कि, अभी हाल सरकार ने सभी जिला मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों को प्रति दिन कार्य दिवस में प्रात: 11 से दोपहर 1 बजे तक लोगो की समस्याओं को सुनने के निर्देश जारी किए हुए हैं ताकि लोगों को काम काज के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े और मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार की जीरो टोलरेंस की मुहीम को भी बल मिल सके। लेकिन शिकायतकर्ताओं की माने तो अधिकांश कार्यालय पर अधिकारी -कर्मचारी गायब मिलते हैं और उनका आरोप है कि इससे उनकी समस्या का समाधान की बजाए प्रचण्ड गर्मी में मुसीबत बढ़ रही हैं।
अधिकांश अधिकारियों के कार्यालय पर मौजूद न रहने पर फिल्ड व दूसरी जगह का चार्ज होने की बात कही जा रही
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य काले खां ने पत्रकारवार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नेतृत्व में दूसरी पारी वाली सरकार ने प्रत्येक कार्यदिवस पर सुबह 11 से 1 बजे तक लोगों की समस्या सुन उनका निदान करने के निर्देश दे रखे हैं लेकिन अधिकांश अधिकारियों के कार्यालय पर मौजूद न रहने पर फिल्ड व दूसरी जगह का चार्ज होने की बात कही जा रही है और इससे शिकायतकर्ताओं का सरकार की लाभकारी नीतियों पर सरेआम पलीता लगाया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि नूंह(मेवात) सुबे का सर्वाधिक पिछड़ा जिला होने के साथ -साथ जिलावासी अपने हक हकूक के प्रति अधिक जागरूक नहीं हैं। जिला में बैठे अधिकारी व उनके कर्मचारियों को इस बात का बल मिल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस विषय पर गंभीरता दिखाने के लिए फरियाद की है। इस मौके पर जीमल, तारी, आरिफ व नक्षम खान भी मौजूद रहे।
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