Lord Jagannath Temple ‘Ratna Bhandar’, (आज समाज), भुवनेश्वर: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर का प्रतिष्ठित खजाना ‘रत्न भंडार’ आज रविवार को 46 साल बाद खोला गया। राज्य सरकार ने आभूषणों व अन्य कीमती सामानों की लिस्ट बनाने के मकसद से इस खजाने को खोला है। इससे पहले यह 1978 में खोला गया था। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद ‘रत्न भंडार’ को खोला गया है। उन्होंने कहा, सरकार ने मंदिर प्रबंध समिति के लिए सभी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है और उसी के आधार पर सारे काम किए जाएंगे।
- रत्न भंडार में 12,831 तोले के स्वर्ण आभूषण
प्रत्येक काम को पूरा करने के लिए प्रक्रियाएं तय
हरिचंदन ने बताया कि खजाने को फिर से खोलने और इन्वेंट्री के लिए प्रत्येक काम को पूरा करने के मकसद से अपनाई जाने वाली प्रक्रियाएं भी तय की गई हैं। उन्होंने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को पूरे काम की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कानून मंत्री ने कहा, पिछली सरकारें जो 24 वर्ष में काम नहीं कर पाईं वह अब होगा। उन्होंने कहा, पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रखने के लिए हमने भारतीय रिजर्व बैंक को शामिल करने का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। आरबीआई के एक प्रतिनिधि को इसमें शामिल किया जाएगा। हर किसी गतिविधि के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं।
बनाएंगे डिजिटल कैटलॉग
हरिचंदन ने बताया कि गहनों की गिनती के बाद हम एक डिजिटल कैटलॉग बनाएंगे, जिसमें तस्वीरें, उनका वजन व गुणवत्ता जैसी अन्य चीजें शामिल होंगी। डिजिटल कैटलॉग एक संदर्भ दस्तावेज होगा। जब भी आगे आने वाले दिनों में फिर से गिनती की जाएगी, तो उसमें इसकी मदद ले सकते हैं।
सरकार ने 3 भागों में जारी की एसओपी
जगन्नाथ मंदिर ‘रत्न भंडार’ को फिर से खोलने के लिए गठित पैनल के अध्यक्ष और ओडिशा हाईकोर्ट के न्यायाधीश विश्वनाथ रथ ने कहा, जैसा कि तय किया गया था और जैसा कि सभी जानते हैं, सरकार ने तीन भागों में आवश्यक एसओपी जारी की है। एक रत्न भंडार खोलने के लिए है, दूसरी दोनों ‘भंडारों’ में रखे आभूषणों और तीसरी एसओपी कीमती सामानों को गर्भगृह के अंदर पूर्व-आवंटित कमरों में ले जाने की जारी की है।
बीजेपी ने किया था खोलने का वादा
ओडिशा विधानसभा में 2018 में बताया गया था कि रत्न भंडार में 12,831 तोले के स्वर्ण आभूषण हैं। इनमें कीमती रत्न जड़े हुए हैं और साथ ही 22,153 तोले चांदी के बर्तन व अन्य सामान हैं। बीजेपी ने ओडिशा में सत्ता में आने पर 12वीं सदी के मंदिर के खजाने को फिर से खोलने का वादा किया था। पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने बताया कि राज्य सरकार की गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने रत्न भंडार को 14 जुलाई को खोलने की सिफारिश की थी।