• भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार, नहीं बदलेंगे संबंध

NXT Conclave 2025 Live, (आज समाज), नई दिल्ली भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा है कि आने वाले वर्षों में अगर भारत जर्मनी से आगे निकल जाता है तो यह कोई बड़ी बात नहीं। दरअसल, आईटीवी नेटवर्क ने शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में शुक्रवार को दो दिवसीय NXT कॉन्क्लेव 2025 का आगाज किया और दौरान फिलिप एकरमैन ने उक्त बात कही।

एक मार्च को होगा NXT कॉन्क्लेव का समापन

NXT कॉन्क्लेव का एक मार्च को समापन होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। इसके अलावा, आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर, और श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे जैसे अंतरराष्ट्रीय नेता विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। एमकेपी ग्रुप के एमडी श्री मुकेश पारेख और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एआई एथिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जोनाथन पेन भी सम्मेलन में मौजूद थे।

भारत-जर्मनी के बीच बेहतर सहयोग की संभावनाओं का जिक्र

फिलिप एकरमैन ने भारत और जर्मनी के बीच बेहतर सहयोग की संभावनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह स्वाभाविक है कि भारत जर्मनी से आगे निकलेगा और यह मेरे लिए कोई आश्चर्यजनक बात नहीं होगी। उन्होंने कहा, हम इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि भारत इस आंकड़े में हमसे आगे निकल जाए, क्योंकि 1.4 बिलियन आबादी वाला भारत एक ऐसा देश है जिसकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था का मतलब है अधिक साझेदारी और बढ़ी हुई भागीदारी के लिए जगह। बता दें कि भारत सरकार ने 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है।

कई कंपनियां भारत के साथ काम करने में रुचि ले रही

फिलिप एकरमैन ने बताया कि जर्मनी की कई कंपनियां भारत के साथ काम करने में रुचि ले रही हैं। उन्होंने कहा, भारतीय उद्योग जितना आगे बढ़ेगा द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के लिए यह उतना ही बेहतर होगा। राजदूत ने कहा, भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण साझेदार है और जर्मनी में नए नेतृत्व के तहत दोनों देशों कें संबंधों में कोई बदलाव नहीं होगा। आने वाले महीनों में नई सरकार के सदस्य भी भारत की यात्रा करेंगे।

मोदी व भारत सरकार के साथ बहुत अच्छे संबंध

एकरमैन ने पहले भी इस बात पर जोर दिया था कि जर्मनी की विदेश नीति भारत जैसे प्रमुख भागीदारों के साथ जुड़ाव को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि जर्मनी के प्रधानमंत्री और पीएम नरेंद्र मोदी व भारत सरकार के साथ बहुत अच्छे संबंध थे और मुझे नई सरकार से भी यही उम्मीद है। बता दें कि जर्मनी में 23 फरवरी को मतदान हुआ है और 30 दिन की संसदीय प्रक्रिया और गठबंधन वार्ता के बाद, 20 अप्रैल तक नई सरकार के चुने जाने की उम्मीद है।

हम उन लोगों के खिलाफ थे जो भारत का विभाजन चाहते थे : स्टीफन हार्पर

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन जे. हार्पर ने भारत के वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, इसकी विविधता और विकास क्षमता से प्रेरित है। स्टीफन हार्पर ने कृषि और सैन्य क्षेत्र में चुनौतियों को संबोधित किया और साथ ही भारत से एक मजबूत, लोकतांत्रिक वैश्विक आवाज की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत के साथ एक उदार संबंध बनाने के कनाडा के इरादे का भी उल्लेख किया। स्टीफन हार्पर ने कहा, जब मैं पीएम पद पर था, तो मेरी सरकार और हम भी समझते थे कि कनाडा के नागरिक और भारतीय-कनाडाई लोग उन लोगों का साथ न दें जो भारत का विभाजन चाहते हैं।

चिंताओं के बावजूद, एआई से डरना नहीं चाहिए : मुकेश पारेख

एमकेपी ग्रुप के एमडी मुकेश पारेख ने इस बात पर जोर दिया कि 70 प्रतिशत आबादी की चिंताओं के बावजूद, एआई से डरना नहीं चाहिए। पूर्व जापानी राजनयिक तोमोहिको तानिगुची ने भविष्य को आकार देने में भारत की भूमिका पर जोर दिया। साथ ही भारत की अविश्वसनीय क्षमता की सराहना की। उन्होंने भारत के आर्थिक विकास, नवाचार और वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डाला।

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