बोले- किसानों पर हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाए सरकार, एसडीएम को किया जाए बर्खास्त
सरकार की नजरों में नंबर बनाने के लिए जनता पर अत्याचार करने वाले अधिकारी याद रखें, सरकारें बदलती रहती हैं
किसानों को उकसाने व कुचलने की नीयत से काम कर रही है सरकार
हाईकमान को खुश करने के लिए देश के सबसे बड़े किसान विरोधी मुख्यमंत्री का तमगा जीतना चाहते हैं खट्टर
संजीव कुमार, रोहतक:
करनाल मे शांतिपूर्ण धरने पर लाठीचार्ज और किसान सुशील काजल की दुखद मृत्यु के बाद अब यह मात्र 3 कृषि कानूनों को वापिस लेने की लड़ाई नहीं रह गई है बल्कि यह किसान के स्वाभिमान बनाम सत्ता के अभिमान की भी लड़ाई बन चुकी है। इस संघर्ष में किसान का स्वाभिमान जीतेगा और सत्ता का अभिमान टूटेगा। ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। सांसद दीपेंद्र आज रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
मनोहर लाल खट्टर सरकार के 2500 दिन पूरे होने पर प्रतिक्रिया देते हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि रोजगार सृजन, प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, किसान हित, विकास और खुशहाली में नंबर वन हरियाणा को बेरोजगारी, अपराध, नशे, घोटाले और किसान विरोध में नंबर वन बनाना ही इस सरकार की उपलब्धि है। आज एक तरफ सरकार सत्ता भोग के 2500 दिनों के जश्न में डूबी है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की जनता रोष और असंतोष में डूबी है।
दीपेंद्र हुड्डा ने करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इसकी शुरूआत उस एसडीएम से होनी चाहिए जिनका वीडियो वायरल हुआ है। इस घटना के इतने घंटे बीत जाने के बाद भी एसडीएम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे यह बात प्रमाणित हो जाती है कि अधिकारी ने सरकार के निर्देश पर ही किसानों को लहूलुहान करने के आदेश जारी किए थे।
राज्यसभा सांसद ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि जो अधिकारी जनता पर अत्याचार करके सरकार की नजरों में नंबर बनाना चाहते हैं, वो याद रखें कि सरकारें बदलती रहती हैं। समय आने पर ऐसे अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसलिए अधिकारी अपनी प्रशासनिक व संवैधानिक मयार्दाओं को लांघने की गलती ना करें।