Nuh Violence Rohingya Connection: दो रोहिंग्या गिरफ्तार, जानिए किस तरह म्यांमार से असम, दिल्ली फिर नूंह पहुंचे आरोपी

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Nuh Violence Rohingya Connection
31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा में संलिप्त पाए गए दो रोहिंग्या गिरफ्तार।

Aaj Samaj (आज समाज), Nuh Violence Rohingya Connection, चंडीगढ़: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा में दो रोहिंग्या भी संलिप्त पाए गए हैं। सैफुला और महबूब को गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ कर रही है। हिंसा में अन्य रोहिंग्या भी संलिप्त हो सकते हैं। सैफुला और महबूब नूंह के खेड़ला चौक पर हुए हिंसक हमले में पकड़ा गया है। दोनों ने बताया है कि वे किस तरह म्यांमार से भारत आए और फिर दिल्ली उसके बाद नूंह।

असम में रहने के लिए वहां आधार कार्ड बनाए

नूंह के खेड़ला चौक पर भी 31 जुलाई को धार्मिक यात्रा के दौरान हिंदू संगठनों पर हिंसक हमला हुआ था। दोनों ने बताया कि वे कई लोगों के साथ म्यांमार से असम आए। उसके बाद वहां का निवासी बनने के लिए आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनवा लिए थे।

दिल्ली में रहते हुए नूंह के मौलाना के संपर्क में आए

असम के बाद दिल्ली आकर रहे फिर वहां पर नूंह के एक मौलाना के संपर्क में आए। उसके बाद डेढ़ साल पहले दोनों नूंह आकर रहने लगे। सैफुला गांव नंगली तथा महबूब पुराना बस स्टैंड के पास रह रहा था। दोनों जगहों को रोहिंग्या शिविर के नाम से भी जाना जाता है। हिंसा में रोहिंग्या कनेक्शन आने के बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।

करीब 2000 रोहिंग्या परिवार रह रहे, होगी पहचान पत्र की जांच : पुलिस

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि जिले में करीब 2000 रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं और उनके पहचान पत्र की जांच की जाएगी। सभी कैसे अपने आधार कार्ड बनवा लिए। बता दें कि हिंसा के अगले दिन ही तावडू में 200 झुग्गी पर प्रशासन का बुलडोजर चला था। यहां रोहिंग्या परिवार के साथ रह रहे थे।

प्राधिकरण की जमीन पर बनाई थी 200 झुग्गी

हालांकि हिंसा में यहां रहने वाले लोगों की भूमिका सामने नहीं आई है लेकिन नूंह व आसपास के गांव में रह रहे रोहिंग्या परिवारों में से कई की संलिप्तता हिंसा में पाई गई है। सैफुला और महबूब की गिरफ्तारी ने अब तक सोये रहने वाले प्रशासन की नींद खोल दी है। तावडू में 200 झुग्गी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर बनाई गई थी। दैनिक जागरण ने एक जून में खबर भी प्रकाशित की उसके बाद प्रशासन ने हिंसा होने के बाद झुग्गी तोड़ी थी।

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