(Nuh News) नूंह। भगवान चित्रगुप्त महाराज की रविवार को जन्मदिवस(पूजन दिवस) के मौके पर उनकी पूजा अर्चना की गई। भगवान यमराज जी के लेखाकर व जन्म-मृत्यु के हिसाब रखने वाले श्री चित्रगुप्त महराज की व कलम दवात की पूजा होती है।
मेवात के सबसे पुराने श्री चित्रगुप्त महाराज कायस्थ भुर्जीभडबुज समाज वैलफैयर सोसायटी नूंह(रजि0) के तत्वधान में श्री चित्रगुप्त महाराज को याद कर उनकी पूजा की गई। वक्ताओं ने बताया कि आज श्री चित्रगुप्त महाराज की जन्म दिवस मनाया जा रहा हैं।
यह हमारे कुल देवता हैं जिनकी हम संतान हैं। कायस्थ व भुर्जी कायस्थ भाई-भाई हैं। हमें सदा ही अपने कुलदेवता के दिखाये रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छे या बुरे कर्म का लेखा जोखा आत्मा के शरीर रूप में जन्म लेते ही आरम्भ हो जाता है। पूर्ण सद्गुरु के निर्देशन में ओंकार दीक्षा, ध्यान, समाधि, साक्षी और सुमिरन के विभिन्न आयाम जानकर आत्मा और परमात्मा का अनुभव करने से और निरन्तर साधना करने से ही जीव का कल्याण हो सकता है।
इस मौके पर जिला प्रधान खूबचंद माथुर, वाईस चैयरमैन संजय सक्सेना, प्रवक्ता हुकम सक्सेना, सचिव मोनू माथुर, मनोज माथुर, सुभाष चंद, सतीश सक्सेना, प्रवीण माथुर, रेखा माथुर, संतरा देवी, कुंदनलाल, सुरेन्द्र कुमार, राहुल आदि भी मौजूद रहे।
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