(Nuh News) नूंह। सूबे के सर्वाधिक पिछड़ा जिला नूंह(मेवात) की जीवन रेखा समझी जा रहे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना का कार्य तेजी से शुरू हो गया हैं। जानकारों की माने तो जिला के विकास के लिए यह मील का पत्थर साबित होगी। इससे पिछड़े जिलो में शुमार जिला नूंह(मेवात) की कालिख पुतने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके बनने के बाद नूंह-सोहना-तावडू-मानेसर-खरखोदा भी रेलवे लाईन से जुड़ जाऐंगे।
यहां यह बताना जरूरी है कि देश की राजधानी दिल्ली के पास ही हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक इलाकों रोजकामेव, मानेसर, पलवल और खरखौदा के बीच यात्री और माल ढुलाई के लिए रेल नेटवर्क को मजबूत बनाने पर काम शुरू हो चुका है, महत्वाकांक्षी हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है, इस कॉरिडोर के बनने के बाद मानेसर सहित कई शहरों की तस्वीर बदल जाएगी, 126 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन को बनाने पर करीब 5700 करोड़ रुपये खर्च होंगे, यह रेल कॉरिडोर कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के समानंतर बनाया जा रहा है, इसके बनने के बाद नूंह, सोहना, मानेसर और खरखौदा भी रेलवे लाइन से जुड़ जाएंगे। इस योजना के तहत रेल 7 किलो मीटर जमीन व 2 किलो मीटर की टनल पहाड से जायेगी, जिला के तावडू खण्ड के गांव धुलावट से तावडू स्थित डेडिकेटिड थ्रेट कॉरिडोर(डीएफसी)के लिए माल लदान के लिए एक लाईन निकलेगी ,जिसके लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया जारी है। 2026 तक योजना को मूर्तरूप देने की उम्मीद जताई जा रही है। इसमें 51 प्रतिशत भागीदारी व 49 प्रतिशत भागीदारी भारतीय रेलवे का है।
इस योजना के लिए सारी राशि बैंक से ही हुई है। हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर पलवल रेलवे स्टेशन से लेकर सोनीपत में हरसाना कलां रेलवे स्टेशन तक बनेगा, इस प्रोजेक्ट से 5 जिलों पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत को सीधा फायदा होगा, सोहना-रेवाड़ी रोड इंटरचेंज के पास स्थित फरुखनगर टोल प्लाजा से इस रेलवे लाइन का निर्माण शुरू हुआ है, मानेसर में स्थित मारुति-सुजुकी प्लांट को दिल्ली -रेवाड़ी सेक्शन से जोडऩे के लिए भी काम चल रहा है, इसके अलावा इस कॉरिडोर में बनने वाली 4.88 किलोमीटर लंबी सुरंग को बनाने का काम भी शुरू हो चुका है,हरियाणा रेल आर्बिटल कॉरिडोर पर मालगाडिय़ों से हर दिन 5 करोड़ टन माल की ढुलाई हो सकेगी, इस रेलवे ट्रैक पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी, कॉरिडोर पर बनाई जा रही सुरंग को ऐसे बनाया जाएगा जिससे की डबल स्टेक कंटेनर भी आसानी से गुजर सकें, टनल की ऊंचाई 11 मीटर होगी, इस परियोजना के लिए सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम और पलवल जिले के 67 गांवों की करीब 665.92 हेक्टेयर यानी करीब 1665 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है,हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर सोहना, मानेसर और खरखौदा होते हुए पलवल को सोनीपत से जोड़ेगा, यात्री और माल यातायात के लिए बनाई जा रही यह ब्रॉड गेज डबल रेलवे लाइन पृथला स्टेशन पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ेगी, साथ ही यह पलवल, पटली, सुल्तानपुर, असौधा और हरसाना कलां स्टेशनों पर दूसरी रेलवे लाइनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के शुरू होने से सोनीपत और खरखौदा आइएमटी की गुरुग्राम, मानेसर, सोहना, फरीदाबाद और पलवल से सीधी रेल कनेक्टिविटी हो जाएगी, अभी ट्रेनों को दिल्ली होकर निकलना पड़ता है।
इस बारे में जिला राजस्व कम भूमि अर्जन अधिकारी से उनके मोबाईल पर सम्पर्क करने से घण्टी तो दनदनाती रही लेकिन कोई जवाब न मिलने से उनका तर्क संगत नहीं किया जा सका है। जबकि, आर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना से जुड़े अधिकारी से बात करने पर वह भी कुछ कहने के लिए कन्नी काटते हुए कहा कि उनके उच्चाधिकारी ही मुहैया करा सकता ।
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