Nuh News : मेवात की सब्जियों ने साईबर जिला की सब्जी मंडियों में धमाल मचा रखा

0
32
Vegetables from Mewat created a stir in the vegetable markets of Cyber ​​​​District.
मेवात के खेतों में उगी सब्जी की फसल

(Nuh News) नूंह। सूबे के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) की सब्जियों ने साईबर जिला गुरूग्राम की सब्जी मंडियों में इन दिनों धमाल मचा रखा है। सब्जी उत्पादकों की माने तो जिला की मंडियांे में सीजनल सब्जियों की आवक अधिक होने व खरीददार कम होने की वजह से साईबर जिला गुरूग्राम में सब्जियां ले जाना उनकी मजबूरी बना हैं। सब्जी उत्पादकों ने दावा कर कहा कि जिला से जितनी भी सब्जी मंडी में पहुंच रही हैं उसकी झट से बिक्री होने से भुगतान भी साथ-सथ कराया जा रहा हैं।

सब्जी उत्पादक छोटू उर्फ मनीष, भूप सिंह, हेमंत, भोलू, मुनफेद, जहीर, मुस्तफा, कालू, जाकिर, प्रीत, सतन, लीलू, झब्बू, भिंडी, राजपाल, पप्पू उर्फ भगवान सिंह, सतबीर, हुकम सिंह व रणधीर आदि ने बताया कि जिला के किसानों केा इस बार मेथी, हरा धनिया,पालक, गोभी,बेगुन, घीया, मूली, खीरा व मिर्च आदि की खेती अच्छी खासी रास आ रही हैं। उन्होंने बताया कि इस बार सब्जियों के दाम ठीक मिलने से मुनाफा भी हो रहा हैं। उन्होंने बताया कि जिला की मंडियों में आवक अधिक व खरीददार कम होने से सब्जी उत्पादक अपने व निजि वाहनों के जरिये सब्जियों को साईबर जिला गुरूग्राम की सब्जी मंडी में पहुंचा रहा हैं।

साईबर जिला की मंडियों में मेवात की सब्जियों ने एक मुकाम हांसिल किया हैं

उन्होंने बताया कि साईबर जिला की मंडियों में मेवात की सब्जियों ने एक मुकाम हांसिल किया हैं। जिला से जितनी भी सब्जी पहुंच रही हैं उसकी झट से बिक्री व भुगतान की व्यवस्था होने से सभी उत्पादक भी खुश नजर आ रहे हैं। हांलाकि, पूर्व मे भी जिला का किसान तावडू मंडी में सब्जियों की खरीददारी न होने से सोहना,भिवाडी व आसपास की मंडियों में सब्जियों की बिक्री के लिए ले जाई जाती थी लेकिन इस बार जिला के किसानों का सब्जी उत्पादन में रूझान अधिक होने व उत्पादन भी ठीक ठाक होने के बावजूद स्थानीय व आसपास की मंडियों में खरीददार न मिल पाने से अधिकांश सब्जी उत्पादक उनको साईबर जिला की मंडियो में बेचने जा रहे हैं। मंडी में ले जाई जा रही तमाम सब्जियों की बिक्री व भुगतान होने से वह माला माल हो रहे है।

यह भी पढ़ें : Nuh News : बाजारों में दीपावली पर्व की खरीददारी जोरों पर, स्वदेशी सामग्री की मंाग कम