(Nuh News) नूंह। नूंह शहर की सबसे पॉश कॉलोनी व धनाढयों का बसेरा आदर्श कॉलोनी को जाने वाला रास्ता इन दिनों प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा हैं। वार्डवासियों की माने तो नगर परिषद कार्यालय व सब्जी मंडी के बीच बना रास्ते पर मंडी का कूड़ा के अलावा अन्य गंदगी डालने से इस बरसाती मौसम में कई-कई फुट की दल-दल बनी हुई है और लोगों का पैदल निकलना मुश्किल हो गया है।

हैरानी इस बात की है कि इसी कॉलोनी में भाजपा के हल्का अध्यक्ष का घर हैं जबकि कई नेताटाईप, मुलाजिम लोग भी यहां रहते हैं ,इसके अलावा यहां शैक्षणिक संस्थान, कम्प्यूटर, कोचिंग सेंटर आदि खुले हैं और उनके द्वारा बार-बार आवाज उठाने से आज तक भी हालात नही बदले हैं नगर परिषद कार्यालय में जाकर इसका विरोध करने पर उनकी एक भी नही सुनी जाती। गत दिवस एक बैंक के अधिकारी द्वारा पैदल कॉलोनी में जाते वक्त फिसल के गिरने से उसका मोबाईल,कपड़े आदि भी खराब होने की वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। जिससे नूंह शहर के अलावा कॉलोनी के बदहाल के चर्च जग जाहिर हो गये है।

नप पार्षद, अध्यक्ष के अलावा अन्य नेतागण भी इसकी रूझ बूझ लेने नही आ रहे हैं

जयप्रकाश साहू, सीमा, परसोतम, महेश सिंगला वकील, राहुल सिंगला, सिमला देवी, विनोद, मनमोहन, रोशन, संदीप, वाईपी जौहरी व ज्ञानचंद आर्य आदि ने बताया कि नूंह के वार्ड नं-5 आदर्श कॉलोनी की हालत इन दिनों बद से बदतर हो गई हैं। नप पार्षद, अध्यक्ष के अलावा अन्य नेतागण भी इसकी रूझ बूझ लेने नही आ रहे हैं। हैरानी की बात देखने को यह मिल रही है कि समीप ही नगर परिषद कार्यालय हैं  और यहां नगरपरिषद अध्यक्ष, अधिकारी-कर्मचारियों व सफाई कर्मचारियों का यहां जमावडा लगा रहता है इसके बावजूद भी वह जानकर अनजान है और कॉलोनी को जाने वाला रास्ता बदहाली में हैं। उन्होंने बताया कि रास्ते पर सब्जी मंडी की गंदगी डालने से भी पूरे दिन बदबू आती रहती हैं जिससे यहां बीमारियों का प्रकोप भी फैल गया है। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा है कि विधानसभा चुनाव आ गये है और जो भी नेता उनके यहां वोट मांगने आयेगा उसको उनके विरोध का सामना झेलना पडेगा या फिर वह चुनाव का बायकॉट करेंगे।

इस बारे में नूंह नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी(ईओ) से शुक्रवार सांय बार-बार सम्पर्क करने से बात नही हो सकी जबकि नप के अध्यक्ष संजय मनोचा ने शुक्रवार सांय माना कि शहर में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ हैं,उन्होंने बताया कि शहर के विकास के लिए उनके द्वारा अब तक 82 कार्यों का खाका तैयार किया गया था लेकिन उनके हाथ में पावर न होने से प्रस्तावित योजनाओं को मूर्तरूप नहीं दिया जा सका। उन्होंने बताया कि उनकी बजाये सरकार ने डीएमसी को हर काम के लिए अधिकृत किया हुआ हैं और कामकाज का उनका अधिकार क्षेत्र सीमित होने से शहर में दिक्कते आ रही है।