(Nuh News) नूंह। नूंह विधानसभा के अंतिम छोर के गांव अलावलपुर वासी कथित शासन-प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। गांव में जलभराव, कीचड़ व जल निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों पर इसकी मार पड़ रही हैं। धार्मिक स्थल भी इस समस्या से अछूते नही हैं। गांव का तालाब का भी सरकार की बनी एक योजना के तहत जीर्णोद्वार न होने से ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही हैं। गांव वालों का आरोप है कि कथित प्रशासनिक लापरवाही से तालाब में दो बच्चों के डूबने से मौत हो गई हैं। ग्रामीणों की माने तो समस्या समाधान के लिए शासन-प्रशासन,मुख्यमंत्री खिडकी व आरटीआई आदि से बार-बार कोशिश करने के बाद भी उनके तमाम उपाय नाकाम साबिर हुए हैं।
मोहम्मद जाहिद पुत्र शहजाद, मोईन पुत्र रहमान, मोहम्मद साकिब, तोफिक, इरसाद, समीम, अखलाक, इरफान, मन्नान आदि ग्रामीणों ने बताया कि गांव अलावलपुर वासी कथित शासन-प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। गांव में जलभराव, कीचड़ व जल निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों पर इसकी मार पड़ रही हैं। धार्मिक स्थल भी इस समस्या से अछूते नही हैं। गांव का तालाब का भी सरकार की बनी एक योजना के तहत जीर्णोद्वार न होने से ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही हैं। उन्होने बताया कि गांव का यह तालाब जानलेवा साबित हो रहा हैं। उन्होने बताया कि गांव के रास्तों, सडकों, चौक-चौराहों से निकलना भी मुश्किल हो गया सबसे अधिक परेशानी नमाज के वक्त धार्मिक स्थल जाने में हो रही है और लोगों के गंदगी के चलते कपड़े तक खराब हो जाते हैं।
गंदगी के कारण गांव में बीमारियां भी उत्पन्न हो गई है। अभी तक शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने गांव के विकास की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है।इस बारे में गांव के सरपंच जफर पुत्र इसराईल ने माना कि बारिश की वजह से गांव की गलियों में पानी जमा होने से कीचड आदि की समस्या हो गई है और साथ ही कहा कि तालाब के जीर्णोद्वार का मामला भी वह कई बार संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में ला चुके हैं। लेकिन अब चुनाव आचार संहिता लग जाने की वजह से कामकाज में दिक्कत आ रही हैं। वहीं, खण्ड एवं पंचायत अधिकारी से बार- बार सम्पर्क करने से कोई बात नहीं हो सकी हैं जबकि ग्राम सचिव तौफिक ने भी आदर्श आचार संहिता लगने की बात कहकर सभी बातों से पल्लू झाड़ लिया।