(Nuh News) नूंह। कभी उपायुक्त कार्यालय के तौर पर पहचान बनाने वाला कार्यालय आज प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है। लोगों की माने तो पुराने डीसी कार्यालय के नाम से मशहूर कार्यालय परिसर में आज भी आधा दर्जनभर कार्यालय खुले हुए हैं लेकिन इन कार्यालयों में जाने के लिए इस समय लोगों को कई बार सोचना पड़ रहा हैं। कार्यालय के मुख्य गेट पर घुटने तक भरा पानी इसका मुख्य कारण हैं। आसपास उगी घास लोगों केा डरा रही है।
बता दें कि, सन 2005 में जिला मेवात(अब नूंह) का गठन होने पर पुराने न्यायालय परिसर के सामने की इमारत में डीसी कार्यालय बना दिया गया था। उस समय यहां रैडक्रास,एसडीएम, राजस्व रिकार्ड रूम व डीसी कार्यालय थे जिसके चलते यहां बेहतर सफाई व्यवस्था, लोगों के बैठने की व्यवस्था के अलावा जिला मुख्यालय की सबसे अहम इमारत थी लेकिन सन 2014 में लघु सचिवालय की इमारत बनने पर डीसी कार्यालय के अलावा कई कार्यालय लघु सचिवालय की इमारत में शिफ्ट करने पर यहां अब रैडक्रास, महिला पुलिस थाना, डाकखाना, जिला कृषि कार्यालय, डीआईपीआरओ सामग्री कार्यालय, नापतोल विभाग के अलावा बिजली शिकायत केन्द्र आदि कार्यालय है। लेकिन इतने कार्यालय होने के बावजूद भी इस इमारत ने अपना वजूद खो दिया है। यहां पर बरसात के मौसम में भरा बरसाती पानी से निकलना भी मुश्किल है। पैदल जाने वाले कई बार इसमें गिरकर चोंटिल हो जाते हैं।
आम जनता के अलावा कार्यालय में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारी भी अपने को उपेक्षित समझ रहे हैं। इसके अलावा जहरीले सांप- कीड़ों का डर बना रहता है। कार्यालयों में पूरे दिन मच्छरों के आतंक से अधिकारी-कर्मचारी उनकी चपेट में आने से बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। सबसे मजे की बात देखने को यह मिल रही है कि शनिवार को जिला न्यायालय नूंह व पुराने न्यायालय भवन में इंस्पेक्शन जस्टिस ने आकर मुआयना किया। उनके आने पर इन भवनां को बेहतर साफ- सुथरा कर सजाया हुआ था लेकिन पुराने कोर्ट के सामने बना पुराना डीसी कार्यालय की समस्या की समक्ष किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा नूंह के बिजली बोर्ड,नप कार्यालय, वाईएमडी कॉलेज, थाना आदि में भी जलभराव हो रहा है।
हैरानी की बात देखने को यह मिल रही है कि प्रशासन द्वारा कई कार्यालयों का बरसाती पानी पम्पसेटों के माध्यम से पुरानी तहसील की सडक पर डालकर वहां जलराव किया जा रहा है जिससे जहां सडक टूटने लगी है तो जलभराव के कारण निकलना मुश्किल हो गया है।पिटटी, कैलाश पंडित, संजय कुमार, राजू, इमरान, कासिम, नरेश कुमार, मित्तल, राजेन्द्र, अंकित आदि ने बताया कि एक समय में रौब झाडने वाला पुराना डीसी कार्यालय इस समय उपेक्षा का दंश झेल रहा है। यहां पर आधा दर्जनभर कार्यालय होने के बावजूद इस समय घुटने तक भरा बरसाती पानी से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि उपरी गाज से बचने के लिए यहां खुले आधा दर्जनभर कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी भी इस समस्या को प्रमुखता से नही उठाते जबकि आम जन को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने जिला उपायुक्त को जल्द से जल्द समस्या समाधान की फरियाद लगाई है।
इस बारे में नगर परिषद के कार्यवाहक कार्यकारी अधिकारी व सचिव से सम्पर्क करने पर बताया गया कि अवकाश की वजह से साहब कार्यालय में नहीं आये हैं, नगर परिषद के ठेका कर्मी ने बताया कि वह किसी भी तरह की बयानबाजी के अधिकृत नही हैं।