(Nuh News) नूंह। विधानसभा चुनाव की तिथियां तय होने के बाद से सत्तारूढ दल भाजपा व विपक्षी कांग्रेस, आप, इनेलो- बसपा, जजपा व अन्य दलों की टिकट हथियाने के लिए दावेदार दिल्ली व चण्डीगढ आदि दरबारों में पूरी ताकत लगा रखी हैं। टिकट को लेकर सभी दावेदार साम-दण्ड-भेद आदि योजना के तहत पूरी ताकत लगा रखी हैं। सत्तारूढ दल भाजपा से आरएसएस द्वारा पुरानों की जगह नए चेहरों को चुनावी रणक्षेत्र में उतारने की सलाह से कई दावेदारों के पैरों के तलें से जमीन खिस्क गई है तो वहीं पहली बार टिकट के लिए भागदौड़ कर रहे दावेदारों के चेहरों पर सुकून दिखाई दे रहा हैं। सत्तारूढ दल की टिकट पाने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बढोली, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल, केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह आदि के अलावा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, आरएसएस व टिकट चयन कमेटी आदि के यहां पूरी ताकत झौंक रखी हैं। इसी तरह, कांग्रेस महासचिव सिरसा से सांसद कुमारी सेलजा, नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा द्वारा सूबे में आप, सपा के साथ गठबंधन की संभावनाओं से साफ इंकार किया हैं। उनका दावा है कि पार्टी अपने दम पर चुनाव लडक़र स्पष्ट बहुमत वाली सरकार बनायेगी।
उधर,दूसरी तरफ 2024 के विधानसभा चुनाव की टिकट को लेकर इस बार अधिक मारा मारी होने से सत्तारूढ व विपक्षी पार्टियों को टिकट को लेकर काफी माथापच्ची करनी पड़ रही हैं। एक-एक सीट पर एक अनार-सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ होने से चयन के लिए अस्थिरता बनी हुई है। चुनाव ऐलान के बाद से सत्तारूढ व विपक्षी पार्टियां टिकट को लेकर मैराथन बैठकों का दौर जारी रहने के बावजूद अभी तक उम्मीदवार के नाम तक तय नहीं हो सके हैं। जबकि, सितंबर माह की शुरूआत से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही हैं। सूबे में मतदान तिथि बदलाव को लेकर सत्तारूढ दल भाजपा व विपक्षी इनेलो द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए पत्र भी टिकट ऐलान की राह में रोड़ा बनने की बात सामने आ रही हैं। इस बीच कथिततौर से छिड़ी सियासी जंग का विपक्षी व कांग्रेस पुरजोर विरोध जता रही हैं। इससे सूबे में चुनावी दलों में अस्थिरता का माहौल बना हुआ तो वहीं, चुनाव आयोग के कथित तिथियां फेरबदल फैसले पर निगाहें टिकी है।