Nuh News : जिला नूंह(मेवात) की आबो हवा खराब हो रही

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The air quality of district Nuh (Mewat) is getting worse.
लघु उद्योग से निकलता जहरीला धुंआ

(Nuh News) नूंह। मौसम बदलाव होते ही राष्ट्रीय राजधान(एनसीआर) के अंतर्गत पडऩे वाला जिला नूंह(मेवात) की आबो हवा खराब हो रही हैं। सर्दी के मौसम में वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्युआई) भले ही मांडीखेडा में लगे मापक यंत्र के अनुसार 158 हैं और साथ लगते भिवाड़ी(राजस्थान) का 222 दर्ज किया गया हैं। लेकिन जिलावासियों की माने तो यहां की वायु गुणवत्ता ठीक नहीं होने से दिल,दमा, अस्थमा, आंख, चर्म, श्वांस आदि के रोगियों की संख्या बढ गई हैं। जिलावासियों का आरोप है कि मांडीखेडा में लगे वायु प्रदुषण मापक यंत्र के इर्दगिर्द धूल मिटटी व अन्य कारणों से हवा गुणवत्ता खराब होने से पानी का छिडकाव करा देने से प्रदुषण का दायरा कम होने की पहल की बात जग जाहिर हैं। जबकि, जिला से सटे भिवाडी औद्योगिक नगरी का एक्युआई सर्वाधिक 222 पहुंच गया हैं।

दरअसल, जिला में गली -मोहल्लों, सडकों, खेतों में जगह-जगह बने कुटीर उद्योग के अलावा भवन निर्माण, तोडफ़ोड व उसका मलबा, जगह-जगह बेखौफ डाली जा रही निर्माण सामग्री, सडकों पर पड़े निर्माण सामग्री की दुकानों आदि से एनजीटी के नियमों का सरेआम मखौल उड़ाया जा रहा हैं। जिला के जागरूक समाज द्वारा स्थानीय, उप मण्डल व जिला के जनता दरबारों आदि के अलावा लोक परिवाद की मासिक बैठकों में भी मुददों की आवाज बुलंद करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा हैं। समाचार पत्रों में लेख छपने के बाद प्रशासन महज औपचारिकता के तौर पर सक्रिय होकर ऐसे लोगों पर गाज गेरने की बजाये शिकायत को फाईल कर देते हैं।

जबकि, इस बात का नजला आमजन पर पड़ रहा हैं और जिलावासी कथित शासन-प्रशासन की लापरवाही से गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वहीं, जिला उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि सभी संबंधित विभाग स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ इससे संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन सही समय पर सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेप व्यवस्था लागू की है। इसकी पालना हर हाल में करनी होगी। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी 2025 तक (ग्रीन पटाखों को छोडक़र) पटाखों के निर्माण, भंडारण व उपयोग करने पर पूर्णतया रोक रहेगी।

उपायुक्त ने कहा कि कि वायु प्रदूषण के निवारण के लिए सरकार द्वारा सजगता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। पांच सौ गज से ज्यादा बड़ी साइटों पर होने वाले निर्माण को लेकर डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी एक्शन प्लान बनाकर प्रदूषण मुक्त शहर बनाने का हर संभव प्रयास करें और मनमानी करने वालों के खिलाफ चालान करें।

उपायुक्त ने कहा कि ग्रेप नियमों की कड़ाई से पालना करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं,ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इतना ही नहीं जरनेटर सैट के स्थान पर गैस और लिथोमोन प्रोजेक्ट का उपयोग किया जाए,जिससे वायु प्रदूषण रोकने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सडकों पर उडने वाली धूल पर नियंत्रण के लिए संबंधित विभागों द्वारा एंटी स्मॅाक गन को उपयोग में लाया जाए,साथ ही वायु प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जाए।

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