(Nuh News) नूंह। जिला के तावडू शहर के अधिकांश वार्डों में नियमों को ताक में रखकर बनाए गए अवरोधक(स्पीड ब्रेकर) अस्थाई बांध में तब्दील हो गए हैं इससे शहरवासियों को राहत की बजाये यह समस्या आफत बन गई हैं। अवरोधकों के यहां जमा पानी से आवाजाही करने वाले वाहनों की रफ्तार से गंदे पानी की छींटे आसपास रह रहे निवासियों के घरों में गंदगी, खादय सामग्री व कपड़ों पर पडऩे से रोजाना सिरफुटवैल की नौबत बनी रहती हैं। हैरत की बात देखने को यह मिल रही है कि अवरोधक बनाने के दौरान शासन-प्रशासन को इसके नफा नुकसान व स्थिति से अवगत कराने के बावजूद उनकी कथिततौर से इस मामलें में अनदेखी ही की गई थी।
गैर सरकारी सामाजिक संस्था अखिल भारतीय जनसेवक समाज द्वारा गत महिनों उप मण्डलाधीश कम नपा मंडी प्रशासक को एक लिखित शिकायत भी सौंपी गई थी, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई हैं। संस्था के जिला अध्यक्ष व सामाजिक नेता कामरेड काले खान, सदस्य राम सहाय, पृथ्वी प्रधान, सुनील कुमार, पूर्व सरपंच हज्जन असगरी, नम्बरदार घासीराम, पूर्व पार्षद बाबूलाल, महासचिव वेदप्रकाश, सुभाष चंद, सोनू, पाली, कमल मेहता व राजेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि जिला के हर छोटे-बड़े शहर, कस्बा, गांव में इन दिनों सडक़ अवरोधक लगाने की होड़ सी ही बनी हुई हैं।
अवरोधकों के यहां जमा पानी से आवाजाही करने वाले वाहनों की रफ्तार से गंदे पानी की छींटे आसपास रह रहे निवासियों के घरों में गंदगी, खादय सामग्री व कपड़ों पर पडऩे से रोजाना सिरफुटवैल की नौबत बनी रहती हैं।
इस बारे में तावडू उप मण्डलाधीश कम प्रशासक से सम्पर्क करने पर बताया गया कि साहब नूंह मिटिंग में है और वह ही इस बारे में बेहतर जानकारी मुहैया करा सकते हैं।