(Nuh News) नूंह। जिला में शुक्रवार को श्री कृष्ण जी की छठी पर्व धूमधाम से मनाया। इस मौके पर जगह-जगह मंदिरों में संकीर्तन के दौरान महिला संगतों ने जमकर रस बिखेरा। नूंह के श्रीब्रहा गायत्री शक्तिपीठ मनकामेश्वर मंदिर में भी धूमधाम से छठी कार्यक्रम के दौरान संगीतमय ढंग से हुए संकीर्तन के दौरान दर्जनों महिला संगतों ने श्रीकृष्ण जी के भजनों से क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया। मंदिर के पुरोहित राजेश मिश्रा ने बताया कि श्रीकृष्ण जी के जन्मोत्सव के बाद उनकी छठी शनिवार को होनी थी लेकिन शनिवार को छठी पर्व नही मनाये जाने पर एक दिन पूर्व शुक्रवार को यह पर्व धूमधाम से मनाया है। उन्होंने बताया कि इस मौके पर महिला संगत ने जमकर भक्तिरस बिखेरा।
इसी तरह, नूंह के नजदीक आर्य समाज मंदिर के पास शुक्रवार को श्रीभागवत कथा का दोपहर बाद आरंभ हो गया। इससे पूर्व कलश यात्रा के दौरान दर्जनों महिलाओं ने शहर में कलश यात्रा निकालकर कथा स्थल तक पहुंची। दोपहर 02 से सांय 5 बजे तक होनी वाली कथा का 05 सितंबर को समापन किया जायेगा। कथा व्यास पुज्य श्री कपिल देव जी महाराज वृंदावन वाले की अमृततुल्य वाणी से कथा का वर्णन किया गया।
प्रथम रोज उन्होंने पहला श्लोक है, श्वासुदेव सुतं देवम् कंस चानुर मर्दनम् देवकी परमानंदम् कृष्णम् वंदे जगदगुरुम्श्. इस श्लोक में भगवान को प्रणाम किया गया है और उनके स्वभाव और लीलाओं का वर्णन किया गया है, श्रीमद्भागवत कथा को सबसे पहले ब्रह्मा जी ने अपने मनस पुत्र नारद जी को सुनाई थी,नारद जी ने इसे वेदव्यास जी को सुनाया था और वेदव्यास जी ने इसे अपने शिष्य परीक्षित महाराज को सुनाया था, भागवत में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय, और 12 स्कंद हैं, श्रीमद्भागवत में पांच गीत का वर्णन है – वेणु गीत, प्रणय गीत, गोपी गीत, युगल गीत, और भ्रमरगीत., पुरुषोत्तम महीने में भागवत कथा सुनने का महत्व है। शहर में शुरू हुई कथा को लेकर शहरवासियों में पूरा उत्साह देखने को मिला।