Nuh News : कई पार्टी प्रत्याशियों की जीत की राह में बागी रोड़ा बन सकते हैं,इनेलो -बसपा गठबंधन प्रत्याशियों ने कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशियों की मुसीबत बढ़ाई

0
206
Rebels can become a hindrance in the path of victory of many party candidates, INLD-BSP alliance candidates increased the troubles of Congress-BJP candidates.
इनेलो-बसपा पार्टी ध्वज के फोटो

(Nuh News) नूंह। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन व भरे गए फार्मो की छंटनी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब 16 सितंबर को नाम वापिसी को लेकर भाजपा,कांग्रेस, इनेलो-बसपा गठबंधन, जजपा-एएसपी व आप समेत अन्य दलों के प्रत्याशी कई उम्मीदवारों को अपने पक्ष में करने की कवायद शुरू किये हुए हैं। इसी तरह, संबंधित पार्टियों के हाईकमान भी चुनावी रण में ताल ठोक रहे बागियों को मनाने में लगे हुए हैं। जिला की नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका समेत तीनों सीटों पर भले ही मारा मारी नहीं हैं लेकिन साथ लगती हथीन व जिला की आधी समझी जाने वाली सोहना-तावडू सीट पर कई पार्टी प्रत्याशियों की जीत की राह में बागी रोड़ा बन सकते हैं।

उधर,दूसरी तरफ जिला मुख्यालय नूंह की हॉट सीट के भाजपा टिकट पर प्रबल दावेदार पूर्व विधायक जाकिर हुसैन की टिकट कटने व उनकी जगह सोहना से विधायक कम राज्यमंत्री कुंवर संजय सिंह को टिकट थमाने से वह बागी हो गये और उनके पुत्र ताहिर हुसैन द्वारा भाजपा के झण्डे, बैनर, बोर्ड आदि अन्य प्रचार सामग्री उखाड़ कर फैंक दी और ऐन वक्त पर इनेलो का दामन थाम लिया और पार्टी ने उनको टिकट भी तमाकर हॉट सीट नूंह से उतार दिया, जबकि उनके पिता का अभी भी भाजपा से मोह भंग नहीं हुआ है। इसी तरह, पुन्हाना सीट से पूर्व प्रत्याशी दया भड़ाना का कांग्रेस का टिकट कटने से वह भी बागी हो गई और वह इनेलो की टिकट से रणक्षेत्र में कूद गई।

दया भड़ाना पूर्व सांसद अवतार भड़ाना की बहन हैं। इसी तरह, फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल खटटर के करीबी हबीब खान हवन नगर को भाजपा का टिकट न मिलने से उन्होंने इनेलो का दामन थाम कर रणक्षेत्र में कूद गए हैं। भले ही वह नए खिलाड़ी हैं और उनके कूदने से चुनावी रण क्षेत्र दिलचस्प बन गया है। जिला के सियासी जानकारों की माने तो जिला की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को उम्मीद से अधिक मत मिलने के लिए पार्टी के विधायक काफी आशावान थे, इसी लिए पार्टी की टिकट हथियाने के लिए जिला की तीनों सीटो के अलावा साथ लगती हथीन-सोहना सीटों से कांग्रेस की टिकट पाने के लिए दावेदारों ने काफी पहल की थी लेकिन भाजपा व इनेलो-बसपा गठबंधन, आप व जजपा-एएसपी गठबंधन आदि द्वारा बागियों व सियासी दमखम रखने वाले प्रत्याशियों को मैदान में उतार देने से सत्तारूढ दल के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़ कर रख दिये हैं।