Nuh News : मेवात के सियासी परिवार विधानसभा चुनाव में वर्चस्व बचाने में जुटे

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Political families of Mewat are busy in saving supremacy in the assembly elections.
मेवात का फोटो

(Nuh News) नूंह। सूबे के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) की सियासत मेवात के दो दिग्गज घरानों के ईदगिर्द ही रही है। विभाजन के पूर्व से ही संयुक्त पंजाब के दौरान बाबा -ए- कौम के नाम से व्याख्यात मरहूम यासीन खान मेवात का सबसे बड़ा सियासी घराना हैं। रोचक पहलू यह है कि संयुक्त पंजाब देश के विभाजन व हरियाणा गठन के दौर से अकेले इस परिवार का दब दबा रहा हैं। इस परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद -पूर्व मंत्री तैयब हुसैन को तीन अलग-अलग राज्यों में मंत्री पद पर रहने का गौरव भी हांसिल हुआ हैं। इसी तरह, उनके प्रतिद्वंद्वी रहे पूर्व सांसद-पूर्व मंत्री मरहूम खुर्शीद अहमद भी हरियाणा में रही सरकारों में नामचीन मंत्रालय के मंत्री रहने का गौरव हांसिल किया।

दोनों में लोकसभा,विधानसभा चुनाव में भी प्रतिद्वंद्वी रही हैं

शुरूआती सियासत में तैयब हुसैन, खुर्शीद को गुरू-चेला के तौर पर जाना जाने की बात भी किसी से छिपी हुई नही हैं लेकिन राजनीति के बदलते परिवेश में दोनों ने अलग-अलग होकर मेवात की सियासत की ,दोनों में लोकसभा,विधानसभा चुनाव में भी प्रतिद्वंद्वी रही हैं। जबकि एक बार के चुनाव में दोनों सियासी प्रतिद्वंद्वियों ने आपस में हाथ मिलाकर फरीदाबाद लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी रहे रामचन्द्र बैंदा का खुलकर समर्थन करने के ऐलान से मेवातियों को उनकी बात कतई रास नहीं आई और आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों को मूंह की खानी पड़ी थी। इससे पूर्व मेवात की राजनीति मेें काठपुरी व नीमखेडा परिवार के कद वाले सियासी नेताओं के वर्चस्व की बात भी जिला में मुखर हैं।मेवातियों ने काठपुरी परिवार के मरहूम रहीम खां को देश की बडी पंचायत व विधानसभा में चुनकर भेजा था।

इसी कडी में नीमखेडा परिवार से पूर्व मंत्री मरहूम अजमत खान सूबे की देवीलाल सरकार में मंत्री रहे थे

इसी कडी में नीमखेडा परिवार से पूर्व मंत्री मरहूम अजमत खान सूबे की देवीलाल सरकार में मंत्री रहे थे। इसी तरह काठपुरी व नीमखेडा परिवार से ताल्लुक रखने वाले सियासी लोग विधानसभा में पहुंच हैं और मंत्री पद का भी गौरव हांसिल किया हैं। ऐसे में मेवात के मेव दिग्गज तैयब हुसैन, खुर्शीद अहमद, रहीम खान व अजमत खान के मरहूम होने से उनके परिवार के सदस्य अपना वर्चस्व कायम करने में जुटे हुए हैं। मरहूम खुर्शीद अहमद के लाड़ले आफताब अहमद नूंह से कांग्रेस के विधायक हैं, मरहूम रहीम खां के लाड़ले मोहम्मद इलियास भी पुन्हाना से कांग्रेस विधायक हैं, मरहूम तैयब हुसैन के लाड़ले जाकिर हुसैन सत्तारूढ दल भाजपा में हैं, पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2019 में आफताब के मुकाबले हार का सामना करने के बाद उन्हें सियासी तौर से सशक्त करने के लिए हरियाणा वक्फ बोर्ड का बतौर प्रशासक लाभ पद दे रखा हैं।

जबकि नीमखेडा परिवार मौजूदा दौर में सत्ता से बाहर रहकर इसके करीब आने के लिए प्रयासरत हैं। उधर, विधानसभा 2024 चुनावी बिगुल बज जाने से मेवात के सियासी परिवार चुनाव में वर्चस्व कायम करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय मोड़ में हैं। जिला के सियासी जानकारों की माने तो 2024 के विधानसभा चुनाव मेवात के सियासी घरानों को अपना वर्चस्व बचाने के लिए कड़ी चुनौती की बात से इंकार नहीं किया जा सकता हैं। अभी जिलाा की तीनों सीटों पर कांग्रेस काबिज हैं। लोकसभा चुनाव में भी जिला के प्रत्याशियों के मतदान आंकडों पर यदि नजर दौडाई जाये तो सत्तारूढ दल भाजपा प्रत्याशी से कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मेवातियों ने बढचढकर दिलचस्पी दिखाई थी। कांग्रेस लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की प्रत्याशी के पक्ष में हुए एकतरफा मतदान से विधानसभा चुनाव को लेकर भी कांग्रेसी काफी आशासन दिखाई दे रहे हैं। जबकि अन्य विपक्षी दलों जजपा, इनेलो- बसपा, आप व सफेद झण्डाधारक भी विधानसभा चुनाव में झण्डा गाडऩे की फिराक में हैं।