(Nuh News) नूंह। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व उनकी झुंडली में शामिल मंत्रियों की ताजपोशी के बाद अब भाजपा के विधायकों की विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। 24 अक्तुबर को होने जा रही विधायक दल की बैठक में इसका निर्णय होगा और अगले दिन 25 अक्तुबर को नायब सरकार का पहला विधानसभा का सत्र शुरू होगा।
यहां यह बताना भी जरूरी है कि सूबे में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष पद को लेने के लिए चुने गये विधायक इस बात से गुरैज ही करते दिखाई देते हैं। सूबे के अब तक चुने गये विधायकों में यह धारणा बनी हुई है कि जो भी विधानसभा उपाध्यक्ष रहा है वह दोबारा से विधानसभा में नहीं पहुंच सका हैं। लेकिन भाजपा राज में विधानसभा उपाध्यक्ष रहे रणबीर सिंह गंगवा ने इस मिथक को तोड़ते हुए दोबारा से विधानसभा में पहुंचने का काम किया है और नायब सरकार में उनको लोक निर्माण एवं जन स्वास्थ्य मंत्री बनाये गये हैं।
जिला की फिरोजपुर झिरका विधानसभा से चुने गए आजाद मोहम्मद भी हुडडा सरकार के कार्यकाल के दौरान विधानसभा डिप्टी स्पीकर बनाये गये थे लेकिन उसके बाद आज तक फिर विधानसभा नहीं पहुंच सके। जबकि, वह सियासत में बदस्तूर सक्रिय हैं। इसी तरह, गुरूग्राम से वर्ष 2000 में निर्दलीय विधायक गोपीचंद गहलौत भी इनेलो की चौटाला सरकार के कार्यकाल में उपाध्यक्ष रहे हैं लेकिन उनके प्रति भी हालात माकूल नहीं रहे हैं।
उन्होंने इनेलो में रहने के साथ-साथ इनेलो से अलविदा कहकर सत्तारूढ दल भाजपा में भी सियासत कर चुनाव लडऩे के लिए किये गये प्रयास के बाद भी टिकट से वंचित रहे हैं।बहरहाल अब भाजपा के चुने गये विधायकों की विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई हैं।यह ताज किसके सिर पर सजेगा यह बात अभी भविष्य के गर्भ में है इसके लिए दावेदारों ने दौड धूप शुरू कर दी है।