(Nuh News) नूंह। हरियाणा के 15वीं विधानसभा आम चुनाव के बाद सत्तारूढ दल भाजपा सरकार की हैट्रिक लगने के बाद हुई ताजपोशी के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) के अध्यक्ष व प्रदेश के कददावर नेता कैप्टन अजय सिंह यादव द्वारा पार्टी से अलविदा कहने से सियासी सरगर्मियों में उबाल आ गया हैं। सियासी जानकारों की माने तो अभी तो यह मात्र बानगी हैं, आगामी दिनों में पार्टी से अलविदा कहने की झड़ी सी लग सकती हैं।
दरअसल, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के पद से हटने के बाद से कैप्टन अजय यादव पार्टी में घुटन सी महसूस कर रहे थे और पार्टी में कथिततौर से उपजी गुटबाजी व उनके प्रति कथिततौर से पार्टी में खराब व्यवहार होने से उनका मोह भंग हो गया। जबकि, उनका परिवार करीब आठ दशक से पार्टी से जुड़ा हुआ था। उनके मरहूम पिता राव अभय सिंह 1952 में विधायक बने और उसके बाद उन्होंने पारिवारिक परम्परा को कायम रखा और इसी कड़ी में उनके पुत्र चिरंजीव राव भी 2019 में विधायक बने थे।
कैप्टन अजय सिंह यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव-राबड़ी देवी के समधी हैं
यहां यह बताना जरूरी है कि कैप्टन अजय सिंह यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव-राबड़ी देवी के समधी हैं। कांग्रेस पार्टी छोडऩे के बाद उनका अगला कदम क्या होगा अभी इसका तो खुलासा नहीं हो सका हैं लेकिन माना जा रहा है कि एक दशक से लम्बे समय से सत्ता से दूर बैठे कांग्रेसी और सूबे की 2024 के आम चुनाव में बदली सियासी फिजा के साथ-साथ भविष्य की राजनीति को देखते हुए विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत अन्य दलों में भी भगदड़ का दौड़ शुरू हो सकता हैं। सियासी जानकारों का यह भी कहना है कि अधिकांश सियासी लोग सत्तारूढ दल से पींगे बढ़ाकर इसमें शामिल हो सकते हैं।बहरहाल, कैप्टन यादव द्वारा कांग्रेस छोडऩे से सियासी गलियारों में चर्चा जंग के साथ-साथ इस मुददे पर बहस का दौर भी थामें नहीं थम रहा हैं।
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