(Nuh News) नूंह। सूबे के इतिहास में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने तीसरी बार सत्तासीन होकर एक रिकार्ड कायम किया हैं। खासकर 18वीं लोकसभा चुनाव के दौरान सूबे की 10 सीटों पर काबिज भाजपा से विपक्षी दल कांग्रेस ने 5 सीटें झटककर सियासी फिजा बदलाव के लिए भी संकेत दिये थे और विधानसभा चुनाव ऐलान से पूर्व हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस के पक्ष में हवा के रूख का गली-मोहल्लों, पान-बीड़ी सिगरेट की दुकानों व चौपालों आदि में अगली सरकार कांग्रेस की बनने का बोलबाला से एक दशक के लम्बे समय तक सत्तारूढ भाजपा के साथ चिपक कर मलाई खाने वाले मौका परस्तों ने पार्टी से किनारा कर धड़ा धड़ कांग्रेस में शामिल होने की सियासत शुरू कर दी और भाजपा को कोसना शुरू करने में लग गये।
हांलाकि, भाजपा के आड़े समय के निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने संगठन, सरकार के एक दशक के कार्यकाल में हुई बैठकों के दौरान भी इन सब बातों का खुलासा भी किया था, लेकिन पार्टी संगठन, सरकार में उनकी बातों को कतई तरजीह नहीं देने से लोकसभा में ऐसे कार्यकर्ता बूथ पर जाने की बजाये घरों में ही बैठ गये जिसका हाल यह हुआ कि 10 सीटों पर काबिज भाजपा 5 पर ही रह गई। हांलाकि, 15वीं विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने बूते पर प्रदेश के इतिहास में अपने बूते पर सर्वाधिक 48 सीटे जीतकर सूबे में हैट्रिक वाली सरकार बनाने का काम किया है।
भाजपा की सरकार बनने से कांग्रेस में गये मौका परस्त लोगों के चेहरों पर रौनक गायब हो गई हैं
भाजपा की सरकार बनने से कांग्रेस में गये मौका परस्त लोगों के चेहरों पर रौनक गायब हो गई हैं और अब अपनी गलती स्वीकार कर सत्तारूढ दल से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सूबे के इतिहास में अकसर ऐसा ही होता आ रहा है। कहा तो यही जा रहा है कि अपनी गलती को स्वीकार करन लेना और उसके लिए क्षमा मांग लेना भी वीरता की ही निशानी हैं और ऐसा ही कांग्रेस समेत अन्य दलों में गये लोग अब फिर से भाजपा से नजदीकियां बनाकर मलाई खाने के फिराक मे हैं। जिला नूंह भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रामअवतार सिंगला का कहना है कि यह ठीक है कि सूबे के इतिहास में भाजपा ने हैट्रिक बना ली हैं।
2024 के चुनाव में अपने दम पर सर्वाधिक 48 सीटे जीत का भी एक रिकार्ड कायम किया है। उसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार की नीतियां व बगैर पर्ची-खर्ची के नौकरियों से मतदाता प्रभावित होकर भाजपा के पक्ष में मतदान किया हैं। जबकि, 2014 से 2024 तक सरकार के करीब रहकर मलाई खाने वाले हवा के रूख के साथ -साथ पार्टी से रूखसत कर लिया था लेकिन जब नायब सिंह सैनी की बतौर मुख्यमंत्री दोबारा ताजपोशी होने से उनके पैरों तले जमीन खिसकने और उसके बाद अब तथाकथित भाजपाईयों के यहां नजदीकी बढा रहे हैं और उसके बाद मलाई खाने का दौर शुरू हो जायेगा। उन्होंने सरकार और पार्टी संगठन से अपील कर कहा है कि ऐसी काली भेडों को पार्टी,सरकार से दूर रखना ही बेहतर होगा।
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