Nuh News : नवगठित नायब सैनी सरकार में एक बार फिर मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) वासियों को झुनझुना ही मिला, पंजाबियों को भी मायूसी हाथ लगी

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Once again the residents of Muslim dominated district Nuh (Mewat) got a shock in the newly formed Naib Saini government, Punjabis also felt disappointed.
पंजाबी संगठन से जुड़े लोग बैठक करते हुए

(Nuh News) नूंह। सूबे की नवगठित नायब सैनी सरकार में एक बार फिर मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) वासियों को झुनझुना ही मिला हैं। जिला से सरकार में केाई प्रतिनिधित्व ना मिलने से वह स्वंय को ठगा सा ही महसूस कर रहे हैं। हांलाकि, जिला से पार्टी का बेशक कोई विधायक नहीं है और तीनों सीटों पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस लगातार दूसरी बार काबिज हुई है, खासकर सूबे की 15वीं विधानसभा आम चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रचंड बहुमत से विजयी हुए हैं।

इसी तरह, 18वीं लोकसभा चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी को जिला से मिली नाममात्र वोट का भी खूब शोर शराबा हुआ था लेकिन जिला की आधी सोहना-तावडू मुस्लिम-गुर्जर बाहुल्य विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी लगातार विजयी रहे हैं खासकर 15वीं विधानसभा आम चुनाव में कांग्रेस की लहर के साथ-साथ विभिन्न सियासी दलों द्वारा उतारे गये गुर्जर समुदाय के 5 गुर्जर उम्मीदवार रणक्षेत्र में उतारे थे, जबकि मुस्लिम समाज का एक मात्र हेवीवेट प्रत्याशी होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी तेजपाल तंवर ने कड़े मुकाबले में पार्टी की साख बचाने का काम किया था।

नायब सिंह सैनी सरकार में मुख्यमंत्री समेत 13 को मिली जगह में इलाका, क्षेत्र व जातीय समीकरण का भी ख्याल रखा गया हैं

जिला व विधानसभा वासियों को उम्मीद जगी थी कि भाजपा हाई कमान जिला नूंह(मेवात) की स्थिति को भांपकर भविष्य की जमीन तैयार करने के लिए नव गठित सरकार में सोहना-तावडू से विजयी उम्मीदवार को अवश्य जगह देगी। जिला व विधानसभा वासियों का कहना है कि इससे मुस्लिम बाहुल्य जिला के साथ-साथ हॉट समझी जाने वाली सोहना-तावडू विधानसभा क्षेत्र को एक पेरोकार मिलने से यहां विकास की ब्यार बहाई जायेगी। लेकिन नायब सिंह सैनी सरकार में मुख्यमंत्री समेत 13 को मिली जगह में इलाका, क्षेत्र व जातीय समीकरण का भी ख्याल रखा गया हैं।

उधर, दूसरी तरफ सूबे की बहुतात संख्या में बसी व हरियाणा विधानसभा आम चुनाव में भाजपा के पक्ष में सर्वाधिक 68 फीसदी मतदान में सहभागिता निभाने वाली पंजाबी बिरादरी के 7 बार के विधायक रहे एक मात्र अनिल विज को ही नव गठित नायब सैनी सरकार में जगह मिली हैं, जबकि, पंजाबी बिरादरी के 8 विधायक चुनकर आये हैं। इससे समाज के लोग भी स्वंय को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। हांलाकि, 2014 से 2024 करीब साढे नौ साल तक सूबे की कमान पंजाबी बिरादरी के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर समेत 3 पंजाबियों को सरकार में जगह मिलने की बात जग जाहिर हैं।

समाज के विचारक लाला गणेश दास, सरपरस्त केएल तनेजा, केएल मदान, हंस वर्मा, मोहन लाल वर्मा, पूर्व चैयरमैन अर्जुन देव चावला, डीआरडीओ से सेवानिवृत टीडी वधवा, केन्द्रीय विद्यालय से सेवानिवृत प्रिंसिपल अर्जुन वधवा, पाली गाबा, पूर्व उप प्रधान जगदीश चंद, गुरद्वारा सिंह सभा के प्रधान मदन मैहन्दीरत्ता व आमडा के महासचिव वीपी अदलखा आदि ने दावा कर कहा कि सूबे की 15वीं विधानसभा आम चुनाव में उनकी बिरादरी ने भाजपा प्रत्याशियो ंके पक्ष में सर्वाधिक 68 फीसदी मतदान कर पार्टी को सूबे के इतिहास में 48 सर्वाधिक सीटों पर विजयश्री दिलाने का काम किया था और समाज को भी उम्मीद थी कि नवगठित सरकार में आबादी के लिहाज से बिरादरी के पार्टी प्रत्याशियों को जगह मिलने की पूरी उम्मीद जगी थी, लेकिन नवगठित सरकार में महज एक मात्र अम्बाला छावनी से विजयी अनिल विज को ही सरकार में जगह मिली है जिससे समाज के लोग स्वंय को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

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