(Nuh News) नूंह। जिला के शहरी क्षेत्र नूंह, तावडू, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका में इन दिनों अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। यहां मकान,दुकान आदि के निर्माण के लिए बगैर नक्शा, बिना डवलेपमेंट चार्ज भरे निर्माण कार्य जोरों पर हैं। लोग कई- कई मंजिल दुकान -मकान बनाकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं खासकर बगैर अनुमति बेसमेंट बनाकर भी नियमों का मखौल बनाया जा रहा है।
हैरानी की बात देखने को यह मिल रही है कि जन प्रतिनिधियों को एक-एक बात की पता है लेकिन इसके बावजूद भी उनकी मौन सहमति के चलते ही ऐसा किया जा रहा है। अवैध निर्माण के दौरान सरकारी रास्तों के तल से ऊंचे मकान -दुकान बनाकर सरकारी नालियों को खडंजो से पाटकर लोग अपने मकान-दुकान को तो सुन्दर बना देते हैं लेकिन गंदा पानी आगे जाने की बजाये वापिस शहर की तरफ आने से यहां जलभराव रहता है। इसका ताजा उदाहरण नूंह शहर में देखने को मिल रहा है यहां जनप्रतिनिधियों व प्रशासन की सह पर नियमों की अनदेखी कर लोगों ने कई-कई मंजिलें मकान-दुकान तो बना दिये परन्तु जल निकासी की तरफ केाई ध्यान नहीं दिया जिससे बरसात के वक्त सारा बरसाती पानी शहर के बीच या फिर खाली प्लाटों में भरे रहने से शहर की सुन्दरता को ग्रहण सा लगा हुआ है और पम्पसेटों के जरिये बार-बार पानी निकालने से भी हालात खस्ता हैं और शहर के पुराना डीसी कार्यालय, वाईएमडी कॉलेज, पुरानी तहसील, बडे मदरसे के पास, पुराना दिल्ली अलवर मार्ग, नूंह- पलडी रोड आदि जलभराव की समस्या से झूज रहे हैं।
नूंह के पुराने बाजार में कुछ देर की बारिश पूरे दिन का बाजार का काम ठप कर देती है और दुकानदार कई-कई घण्टे तक पानी निकासी का इंतजार करते रहते हैं जिससे उनको काफी आर्थिक चपत लग रही हैं।उन्होंने नूंह शहर नगर परिषद, तावडू, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका नगरपालिकाओं में ऐसे अवैध निर्माण को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की मांग की है।इस बारे में जिला मुख्यालय नूंह नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी से सम्पर्क करने पर बताया गया कि वह कार्यालय में मौजूद नही हैं जबकि नगर परिषद के अध्यक्ष संजय मनोचा ने कहा कि इसकी देख रेख नप का तकनीकी विभाग देख रेख कर रहे हैं और साथ ही कहा कि वह ही इस पर बेहतर फौकस कर सकते हैं।