(Nuh News) नूंह। देश की जंग-ए-आजादी में युवा क्रान्तिकारी अमर शहीद मदनलाल धींगड़ा ने देश की खातिर अल्पायु में शहादत दी थी। उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। शहीद मदनलाल धींगडा में बचपन से ही देश भक्ति का जज्बा था। सामाजिक नेता लाला गणेश दास, लाला रामनारायण, मदन मैहन्दीरत्ता, पाली गाबा, गुलशन नरूला, सरदार जीएस मलिक, मदनलाल मक्कड, प्रीतम गुलाटी, पूर्व सैनिक नंदा चांदना व पप्पू नागपाल आदि वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि देश की आजादी में अमर शहीद लाला मदनलाल धींगडा का अविस्मरणीय योगदान है।
मदन लाल धींगडा 1906 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन पहुंचे,लेकिन भारत में अंग्रेजी हुकूमत के देशवासियों पर किये जा रहे जुल्म और भारतीयों के प्रति अपनाई जा रही दमनकारी नीतियों से क्षुब्ध होकर 1 जुलाई 1909 को लंदन के इम्पीरियल इंस्टीटयूट के जहांगीर हाऊस में एक सार्वजनिक समारोह में लार्ड कर्जन वायली को गोली से उड़ाकर अपना क्रांतिकारी विरोध दर्ज कराया, उन्होंने सभी के सामने कहा कि मै देश भक्त हूूं, हत्यारा नही तथा 17 अगस्त 1909 को उनको शहीद कर दिया गया। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।